झूले लगते ही बच्चों से गुलजार हुआ सूरजकुंड पार्क
झूले लगते ही सूरजकुंड पार्क बच्चों से गुलजार हो गया। स्वजन संग पहुंचकर बच्चे यहां विभिन्न प्रकार के झूले-स्लाइडर का आनंद उठा रहे हैं। खास बात यह है कि यह सुविधा निश्शुल्क प्राप्त हो रही है। जिससे स्वजन भी यहां आने से नहीं कतरा रहे हैं।
मेरठ, जेएनएन। झूले लगते ही सूरजकुंड पार्क बच्चों से गुलजार हो गया। स्वजन संग पहुंचकर बच्चे यहां विभिन्न प्रकार के झूले-स्लाइडर का आनंद उठा रहे हैं। खास बात यह है कि यह सुविधा निश्शुल्क प्राप्त हो रही है। जिससे स्वजन भी यहां आने से नहीं कतरा रहे हैं।
नगर निगम अमृत योजना के तहत सूरजकुंड पार्क का सुंदरीकरण करा रहा है। इसी कड़ी में पार्क के एक हिस्से में बच्चों के मनोरंजन के उपकरण स्थापित किए गए हैं। इनमें छह प्रकार के स्लाइडर हैं। गोल-गोल घूमने वाले स्लाइडर आकर्षण का केंद्र बने हैं। लटकने वाले स्ट्रक्चर, बड़ों और छोटों के लिए झूले, गोल चक्कर जैसे उपकरण भी लगाए गए हैं। धूप निकलने के बाद सूरजकुंड पार्क में स्वजन संग बच्चे पहुंचते हैं और खूब मस्ती करते हैं। निर्माण अनुभाग के अधिशासी अभियंता अमित शर्मा ने बताया कि करीब एक करोड़ रुपये से सूरजकुंड पार्क का सुंदरीकरण कराया जा रहा है। अभी कुछ और झूले लगने हैं। पार्क के दूसरे हिस्से में जल्द ही ओपेन जिम शुरू होने वाला है। ओपेन जिम का प्लेटफार्म बन गया है। जल्द ही उपकरण लग जाएंगे। फर्श की जगह होती हरी घास
पार्क में बच्चों के साथ आए स्वजन ने कहा कि पहले से सुविधा बेहतर हुई है। हालांकि स्लाइडर के नीचे फर्श की जगह हरी घास होती तो ज्यादा अच्छा होता। क्योंकि फर्श टूटने पर चोट लगने का खतरा रहेगा।
माउंट एवरेस्ट सा लक्ष्य करें निर्धारित
मेरठ : शहीद मंगल पाडे पीजी कालेज में शुक्रवार को करियर काउंसलिंग सेल की ओर से वेबिनार का आयोजन कराया गया। जिसका विषय कैपिटेलाईज योर कैपेबिलिटीज रहा। प्राचार्य डा. अंजू सिंह ने एक क्रिकेट बैट्समैन की तरह छात्राओं को स्वयं को पहचान कर और लक्ष्य को फोकस करके आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। सेल की प्रभारी डा. भारती दीक्षित ने मुख्य वक्ता डा. नितिन कुमार असिस्टेंट डायरेक्टर आइसीएसएसआर नई दिल्ली का स्वागत किया। जिन्होंने छात्राओं को अपनी स्वयं की क्षमता को पहचानते हुए लक्ष्य प्राप्त करने के बारे में बताया। साथ ही स्ट्रैटेजिक प्लानिंग करके ही अपना भाग्य कैसे बदल सकते हैं, इसकी जानकारी दी। जब भी पढ़ें तो सतत पढे, उसमें कोई बाधा न हो। माउंट एवरेस्ट की तरह अपना लक्ष्य निर्धारित करें। इस दौरान डा. अमर ज्योति, डा. सतपाल राणा और डा. विकास कुमार भी उपस्थित रहे।