सूरजकुंड श्मशान घाट : जमीन पर जलती चिताएं, दूर खड़े सुबकते स्वजन
कोरोना की महामारी में सूरजकुंड श्मशान घाट पर ह्दय विदारक दृश्य लोगों को परेशान कर रहे हैं। राजस्व निरीक्षक नवल सिंह राघव के अनुसार शुक्रवार को सूरजकुंड पर 44 शवों के अंतिम संस्कार किए गए।
मेरठ, जेएनएन। कोरोना की महामारी में सूरजकुंड श्मशान घाट पर ह्दय विदारक दृश्य लोगों को परेशान कर रहे हैं। राजस्व निरीक्षक नवल सिंह राघव के अनुसार, शुक्रवार को सूरजकुंड पर 44 शवों के अंतिम संस्कार किए गए। जिनमें लगभग 20 शव कोरोना संक्रमित थे। नगर निगम की ओर से नियुक्त किए गए राजस्व निरीक्षक ने टाल पर संचालकों को 700 रुपये प्रति कुंतल लकड़ी के रेट निर्धारित करने के निर्देश दिए। जलती चिताओं में बारिश ने बढ़ाई दुश्वारी
शुक्रवार को सुबह हल्की बारिश हुई। जिस कारण चबूतरे से नीचे खुले आसमान में जल रही चिताओं के लिए मुसीबत खड़ी कर दी। जैसे-तैसे आचार्यों ने किसी तरह चिता को पूर्ण रूप से जलाते हुए अंतिम संस्कार किया। बारिश के बीच स्वजन दूर खड़े होकर रोते-बिलखते व सुबकते रहे। राजस्व निरीक्षक कर रहे निगरानी
नगर आयुक्त मनीष बंसल ने सूरजकुंड श्मशान घाट पर व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए राजस्व निरीक्षकों की तैनाती की है। शुक्रवार को राजस्व निरीक्षक नवल सिंह राघव की ड्यूटी रही। उन्होंने बताया कि वह हर दो घंटे के अंतराल से श्मशान घाट का रजिस्टर व उस दौरान होने वाले अंतिम संस्कार पर निगरानी करते रहे। नवल सिंह ने बताया कि नगर आयुक्त के निर्देश पर लकड़ी की टाल पर रेट निर्धारित किए गए हैं। भीतर अंतिम संस्कार, बाहर एंबुलेंस में शव
सूरजकुंड पर शुक्रवार को हालात और बुरे हो गए। सभी 42 प्लेटफार्म तो फुल थे ही कि जमीन पर भी अंतिम संस्कार के लिए जगह ढूंढे नहीं मिल रही थी। तीन बजे के करीब हालात ऐसे भी बने कि भीतर जहां प्लेटफार्म और जमीन पर अंतिम संस्कार हो रहे थे तो वही कोरोना संक्रमित व्यक्ति का शव लेकर पहुंची एंबुलेंस गलियारे में ही खड़ी रही। आचार्यों से मनुहार के बाद भी पार्किंग में करीब घंटे भर तक इंतजार करना पड़ा। इसके बाद अंतिम संस्कार संभव हुआ।