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बजट में मंत्रालय को मेरठ से भेजे जाएंगे सुझाव

फरवरी में बजट पेश होने वाला है। इससे पहले चार्टर्ड एकाउंटेंट ने सांसद राजेंद्र अग्रवाल के माध्यम से बजट के लिए कुछ सुझाव दिए हैं। शुक्रवार को मंगल पांडे नगर में आइसीएआइ भवन में आयोजित सेमिनार के दौरान सांसद ने कहा कि वह इन सुझावों को मंत्रालय को भेजेंगे। वक्ताओं ने इनकम टैक्स में पेनाल्टी के प्रावधानों की जानकारी दी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Dec 2019 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 28 Dec 2019 06:02 AM (IST)
बजट में मंत्रालय को मेरठ से भेजे जाएंगे सुझाव
बजट में मंत्रालय को मेरठ से भेजे जाएंगे सुझाव

मेरठ, जेएनएन। फरवरी में बजट पेश होने वाला है। इससे पहले चार्टर्ड एकाउंटेंट ने सांसद राजेंद्र अग्रवाल के माध्यम से बजट के लिए कुछ सुझाव दिए हैं। शुक्रवार को मंगल पांडे नगर में आइसीएआइ भवन में आयोजित सेमिनार के दौरान सांसद ने कहा कि वह इन सुझावों को मंत्रालय को भेजेंगे। वक्ताओं ने इनकम टैक्स में पेनाल्टी के प्रावधानों की जानकारी दी।

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सेमिनार में प्रेमजीत कश्यप और रोहित अग्रवाल ने आयकर अधिनियम से संबंधित जुर्माने और नियमों को बताया। उन्होंने बताया कि इनकम टैक्स का असेसमेंट सेंट्रलाइज हो गया है। इसमें पता नहीं चल पाएगा कि कौन अधिकारी ऑनलाइन असेसमेंट कर रहा है। मेरठ का असेसमेंट मुंबई में बैठा अधिकारी भी कर सकता है। आयकर का यह फेसलेस ई-असेसमेंट है। कार्यक्रम में सांसद राजेंद्र अग्रवाल को मेरठ के 800 सीए के प्रतिनिधि के तौर बजट के लिए सुझाव प्रस्तुत किया गया। सांसद ने मेरठ ब्रांच के सीए को आश्वस्त किया कि वह सभी सुझाव को संबंधित मंत्रालय को सौंपेंगे। कार्यक्रम का संचालन सीए सनी अग्रवाल ने किया। इस मौके पर सीए प्रदीप पंवार, सीए राजीव गुप्ता, सीए शिव कुमार गुप्ता, सुनील त्यागी, रविंद्र अग्रवाल सहित अन्य सीए उपस्थित रहे।

बजट के लिए कुछ सुझाव

- आयकर योग्य सीमा को ढाई लाख से बढ़ाकर पांच लाख किया जाए।

- वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 60 हजार रुपये किया जाए।

- भारतीय कंपनियों के शेयर्स को बेचने से होने वाले लंबी अवधि के पूंजी लाभ पर टैक्स न लगाया जाए।

- मकान खरीदने के लिए लिए गए बैंक लोन पर छूट ढ़ाई लाख रुपये तक किया जाए।

- पार्टनरशिप फर्म पर लगने वाले टैक्स की दर को 30 फीसद से घटाकर 25 फीसद किया जाए।

- धारा 80 सी में मिलने वाली छूट की सीमा को डेढ़ लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये किया जाए।


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