मुजफ्फरनगर में गन्ना पेराई सत्र का शुभारंभ शुक्रवार से, सबसे पहले पहुंचने वाले किसान को मिलेगा तोहफा
खतौली के शुगर मिल की जनपद में सबसे अधिक पेराई क्षमता है। मिल में एक दिन में 1.60 लाख कुंतल गन्ना पेराई होती है। गन्ने की कमी के कारण सवा लाख कुंतल तक गन्ना पेराई होती है ।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। खतौली के त्रिवेणी शुगर मिल में पेराई सत्र का शुभारंभ शुक्रवार को होगा। हवन के साथ बायलर की पूजा की जाएगी। मिल में गन्ना पेराई का पहिया सात नंवबर से पूर्ण रूप से घूमेगा। इस वर्ष पहले के मुकालबे सात दिन पेराई सत्र देरी से आरंभ हो रहा है। पेराई के साथ चीनी उत्पादन में मिल का प्रभाव एशिया में बड़े पैमाने पर माना जाता है। नए सत्र पर मिल में सबसे पहले गन्ना ट्राली और बोगी लेकर पहुंचने वाले किसान को सम्मानित भी किया जाएगा।
जनपद में सबसे अधिक पेराई क्षमता
खतौली के शुगर मिल की जनपद में सबसे अधिक पेराई क्षमता है। मिल में एक दिन में 1.60 लाख कुंतल गन्ना पेराई होती है। गन्ने की कमी के कारण सवा लाख कुंतल तक गन्ना पेराई होती है। उपाध्यक्ष डा. अशोक कुमार ने बताया कि पिछले वर्ष 2 करोड 47 लाख 50 हजार कुंतल गन्ने की पेराई की है। जो एशिया में पहले स्थान पर है। गन्ने की पेराई 30 अक्टूबर को शुरू हुई थी। मिल में 225 दिन पेराई सत्र चला था।
विद्युत उत्पादन भी करता है मिल
शुगर मिल खतौली में पेराई सत्र के दौरान खोई के माध्यम से बायलर में स्टीम के जरिए विद्युत उत्पादन होता है। शुगर मिल और प्रदेश सरकार के बीच विद्युत उत्पादन की खरीद का अनुबंध है। इसी के तहत विद्युत आपूर्ति की जाती है। पिछले सत्र में लगभग 240 दिन में मिल ने 9.50 करोड़ रुपये की बिजली बनाई, जिसे सीधे बुढ़ाना रोड स्थित बड़े बिजलीघर पर आपूर्ति किया गया है। प्रदेश सरकार को 3.02 रुपये प्रति यूनिट के आधार पर विद्युत आपूर्ति होती है।