छात्र-छात्राओं ने जाना हस्तिनापुर का गौरवमयी इतिहास
आइवीईवाई इंटरनेशनल स्कूल के बच्चों ने दैनिक जागरण के बैनर तले महाभारत कालीन तथा जैन धर्म की तीर्थ नगरी हस्तिनापुर का भ्रमण किया तथा पौराणिक इतिहास के बारे में भी जाना।
मेरठ, जेएनएन। आइवीईवाई इंटरनेशनल स्कूल के बच्चों ने दैनिक जागरण के बैनर तले महाभारत कालीन तथा जैन धर्म की तीर्थ नगरी हस्तिनापुर का भ्रमण किया तथा पौराणिक इतिहास के बारे में भी जाना। बच्चे सुबह नौ बजे ही हस्तिनापुर पहुंच गए। विद्यालय की अध्यापिका सीमा तोमर के नेतृत्व में स्कूली बच्चे जंबूद्वीप पहुंचे और जैन धर्म के इतिहास के बारे में जानकारी ली। बच्चों ने जंबूद्वीप परिसर में सुमेरू पर्वत, ध्यान मंदिर, तीन लोक की रचना आदि मंदिरों के दर्शन किए और नौका विहार, ट्रेन व झूलों का लुत्फ उठाया।
बच्चे कैलाश पर्वत व श्री दिगंबर जैन प्राचीन बड़ा मंदिर पहुंचे। बच्चों ने यहां जैन धर्म के बारे में जानकारी प्राप्त की। इसके बाद पांडव टीला, प्राचीन पांडेश्वर मंदिर, कर्ण मंदिर पहुंचे। वहां उन्होंने कौरवों व पांडवों के विषय मे विस्तारपूर्वक जाना। पांडव टीले पर स्थित अमृत कूप को भी देखा। जहां लोगों ने बताया कि इस कूप के पानी मे स्नान करने से चर्म रोगों से छुटकारा मिलता है। बताया कि महाभारत काल में पांडव इसी प्राचीन पांडेश्वर मंदिर मे ही पूजा-अर्चना करते थे। इसके बाद कर्ण मंदिर के बारे मे जाना। जहां दानवीर कर्ण प्रतिदिन सवा मन सोना गरीबों में दान करते थे। इस मौके पर राधिका, तितिक्षा, प्रियंका, ओमेश, मोहित आदि अध्यापकों सहित 36 बच्चों ने भ्रमण किया।
फोटो परिचय
मावा 10 : जंबूद्वीप में भ्रमण के दौरान स्कूली बच्चे।
मावा 11 : कैलाश पर्वत पर भ्रमण करते हुए।
मावा 12 : पांडेश्वर मंदिर के भी दर्शन किए।
इनका कहना है..
-ऐसे भ्रमण से बच्चों को इतिहास व संस्कृति को जानने का अवसर मिलता है। मनोरंजन के साथ ही बच्चों को शिक्षित करना ही इस भ्रमण का प्रमुख उद्देश्य रहा।
-रितु अग्रवाल, चेयरपर्सन, आइवीईवाई इंटरनेशनल स्कूल
-भ्रमण के साथ ही बच्चों को संबंधित स्थान की जानकारी निरंतर दी जानी चाहिए। इससे वह कुछ नया सीखते हैं और उनका आत्मविश्वास बढ़ता है।
-सुनील कुमार सल्होत्रा, प्रिंसिपल, आइवीईवाई इंटरनेशनल स्कूल
-बच्चे इससे अपनी जड़ों से जुड़ते हैं। बच्चों ने राजाओं की जीवनशैली के बारे में जाना जो उनके लिए नया अनुभव था।
-प्रियंका अग्रवाल, एग्जाम हेड
-पूरे भ्रमण के दौरान बच्चों ने खूब मस्ती के साथ ही अनुशासन को भी बनाए रखा। उन्हें ऐसे टूर पर आने-जाने का पहला अनुभव अच्छा लगा।
-सीमा तोमर, एकेडमिक इंचार्ज
-पहली बार हस्तिनापुर के बारे में जाना, एक कुआ देखा और पांडव मंदिर देखा।
-निष्कर्ष चपराणा, कक्षा सात
-पांडव मंदिर देखा और उसके बारे में जाना। द्रोपदी के बारे में जाना और उन्होंने जहां बाल धोए थे वह स्थान भी देखा।
-आकांक्षा चपराणा, कक्षा छह
-मैंने तो हस्तिनापुर के ध्यान मंदिर में ध्यान किया। वहां बैठकर काफी अच्छा लगा।
-हिमांशु देव, कक्षा आठ
-हस्तिनापुर में बहुत सारे मंदिर व जंबूद्वीप देखा। पांडव मंदिर में पांडवों के बारे में भी जानने को मिला।
-उत्कर्ष सिंह, कक्षा छह
-नांव की सैर के दौरान नाविक ने बताया कि अच्छे से पढ़ाई नहीं की इसीलिए आज नांव चला रहा हूं। हमें ठीक से पढ़ने के लिए प्रेरित किया।
-युक्ति मित्तल, कक्षा सात
-इस भ्रमण में पाताल, स्वर्ग और नर्क के बारे में जाना। पता चला कि अच्छे व बुरे काम का नतीजा क्या होता है।
-विधि, कक्षा पांच