मुख्य सचिव ने भी जताई चिंता, बोले-सबकुछ छोड़कर पहले प्रदूषण रोकिए Meerut News
मेरठ पहुंचे प्रदेश के मुख्य सचिव भी प्रदूषण को लेकर खासे चिंतित दिखे। प्रदूषण फैलाने वालों पर कार्रवाई नहीं होने पर अफसरों से नाराजगी जताई।
मेरठ, जेएनएन। प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सोमवार को मेरठ में समीक्षा की। प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों, निर्माण प्रोजेक्ट और कूड़ा जलाने वाले लोगों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई न करने वाले अफसरों पर जमकर नाराजगी जताई। दोनों मंडलों के सभी डीएम को दो टूक कहा कि सबकुछ छोड़कर सबसे पहले प्रदूषण पर अंकुश लगाएं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करें। ग्रेप के तहत जो कदम उठाए जाने हैं उन्हें सख्ती के साथ पूरा कराएं।
कार्रवाई नहीं करने पर जताई नाराजगी
मेरठ जनपद में कूड़ा जलाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई न होने पर उन्होंने नाराजगी जताई। डीएम अनिल ढींगरा को कार्रवाई में तेजी लाने तथा ऐसे लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विवि मोदीपुरम में मंडलीय रबी गोष्ठी के संपन्न होने के बाद मुख्य सचिव ने विवि के अतिथि गृह में दोनों मंडल के कमिश्नर और सभी जनपदों के डीएम, सीडीओ को तलब कर लिया। उन्होंने दिल्ली-एनसीआर समेत प्रदेश के विभिन्न जनपदों में वायु प्रदूषण की रोकथाम की जानकारी ली।
भुगतान न करने वाले चीनी मिल मालिक नपेंगे
गोष्ठी के बाद पत्रकारों से बातचीत में मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी ने कहा कि किसानों ने गन्ना मूल्य भुगतान में विलंब की समस्या उठाई है। मिलों को भुगतान समय से करना होगा। हालांकि प्रदेश में 75 फीसद भुगतान हो गया है, लेकिन जो भी मिल जानबूझकर भुगतान में विलंब करेगी उसके खिलाफ पूर्व में कार्रवाई की गई है, आगे भी होगी। मनमानी नहीं चलेगी। उन्होंने कहा कि बढ़ते प्रदूषण की समस्या के प्रति सुप्रीम कोर्ट, पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण अधिकरण और सरकार सभी सख्त हैं। प्रदूषण के स्नोतों पर बंदिश लगाई जा रही है। हिंडन, काली समेत सभी नदियों, प्रदूषित पानी बहाने वाली फैक्ट्रियों, शहरी क्षेत्रों से निकलने वाले गंदे पानी की जांच कराई जा रही है। नालों के पानी का ट्रीटमेंट कराया जा रहा है।
एक सप्ताह में दूर होगी दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे की बाधा
मुख्य सचिव ने कहा कि एक्सप्रेस-वे के निर्माण की बाधा एक सप्ताह में दूर हो जाएगी और विलंब नहीं होगा। मेरठ-डासना के बीच के हिस्से में गाजियाबाद जनपद के चार गांवों की भूमि अधिग्रहण के दौरान हुए मुआवजा घोटाले पर शासन गाइडलाइन जारी करेगा। उसी के मुताबिक जिलों के अफसर काम करेंगे।