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बुलंदशहर में रातभर 21 थानों की फोर्स के साथ बच्ची को तलाशते रहे एसएसपी

बुलंदशहर में अहमदगढ़ थानाक्षेत्र के एक गांव से बच्ची लापता हुई थी। 20 थानों की पुलिस ने पूरे गांव के मकानों की रातभर तलाशी ली। यह सूचना जब मुख्यालय पर पहुंची तो एसएसपी खुद मौके पर पहुंच गए।

By Taruna TayalEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 07:20 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 07:20 PM (IST)
बुलंदशहर में रातभर 21 थानों की फोर्स के साथ बच्ची को तलाशते रहे एसएसपी
बुलंदशहर में सात साल की बच्ची अपने घर से लापता हो गई।

बुलंदशहर, जेएनएन। अहमदगढ़ थानाक्षेत्र के गांव बिरयाना अहमदगढ़ से मंगलवार की देर शाम एक सात साल की बच्ची अपने घर से लापता हो गई। जैसे ही यह सूचना मुख्यालय पर पहुंची तो एसएसपी खुद मौके पर पहुंच गए। बच्ची की पहले अहमदगढ़ थाना पुलिस के साथ मिलकर तलाश की, लेकिन काम नहीं चला तो जंगल खंगालने के लिए 20 थानों की फोर्स को और बुलाना पड़ी। बाद में जब बच्ची सुबह तक नहीं मिली तो फोर्स वापस लौट आई। हालांकि पुलिस के लौटने के बाद बच्ची एक ट्रैक्टर के नीचे सोते हुए मिल गई। जिसके बाद पुलिस अफसरों ने राहत की सांस ली।

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यह है मामला

दरअसल, गांव बिरयाना अहमदगढ़ निवासी प्रकाश की सात साल की बेटी प्रीति कक्षा दो में पढ़ती है। मंगलवार की शाम छह बजे बच्ची संदिग्ध परिस्थितियों में अपने घर से लापता हो गई। जिसके बाद परिजनों ने 112 नंबर को फोन करके सूचना दी। साथ ही अनहोनी की आशंका भी जताई। जिसके बाद देर रात करीब नौ बजे एसएसपी संतोष कुमार सिंह खुद गांव में पहुंचे और बच्ची की तलाश की। बाद में और फोर्स बुलाकर गांव के हर घर की तलाशी ली गई। ग्रामीण एक तांत्रिक महिला पर शक करते रहे, लेकिन पुलिस जंगलों में बच्ची की तलाश करती रही। करीब 50 किलोमीटर तक जंगल खंगालने के बाद एसएसपी सुबह पांच बजे अहमदगढ़ क्षेत्र से लौटे। एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि उनके लौटने के बाद बच्ची अपने घर के समीप एक ट्रैक्टर के नीचे सोते हुए मिल गई। जिसके बाद अधिकारियों ने राहत की सांस ली। इस मामले में बच्ची के बरामद होने से पहले ही बच्ची के पिता प्रकाश ने गांव के ही छोटे लाल और उसकी पत्नी राजवती के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज करा दिया था। जिन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया था, लेकिन जांच में पाया गया कि बच्ची इन लोगों ने गायब नहीं की थी। जिसके बाद छोड़ दिया गया।

ऐसे मिली बच्ची

जहां पर प्रकाश का मकान है। वहां से कुछ दूरी पर एक पार्क है। पार्क के पास एक ट्रैक्टर खड़ा था। बच्ची अपने घर गायब होकर ट्रैक्टर के नीचे सो गई थी। जब ट्रैक्टर चालक अपना ट्रैक्टर निकालने लगा तो बच्ची को देखा गया।


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