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दबथुवा में अतिक्रमण हटाने के लिए हुई निशानदेही

मेरठ-करनाल हाईवे के दबथुवा में कई सालों से चौड़ीकरण का विवाद अधर में था।

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Sep 2021 05:15 AM (IST)Updated: Thu, 02 Sep 2021 05:15 AM (IST)
दबथुवा में अतिक्रमण हटाने के लिए हुई निशानदेही
दबथुवा में अतिक्रमण हटाने के लिए हुई निशानदेही

मेरठ,जेएनएन। मेरठ-करनाल हाईवे के दबथुवा में कई सालों से चौड़ीकरण का विवाद अधर में था। हालांकि, मंगलवार को एसडीएम ने ग्रामीणों के साथ बैठक की थी। जिसमें मामले सुलझ गया। इस पर बुधवार को पुलिस बल गांव पहुंचा। जहां तहसील लेखपाल व श्रमिकों ने 24 मीटर के दायरे में आ रहे अतिक्रमण की निशानदेही कर ली है। हालांकि सुबह से ही गांव में मोर्चा संभाल रही पुलिस तहसील अधिकारी व एनएचएआइ के अधिकारियों के न पहुंचने पर वापस लौट गए।

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बता दें कि मेरठ-करनाल हाईवे पर चौड़ीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है। वहीं, दबथुवा के मुख्य बाजार में चौड़ीकरण का कार्य कई साल से अधर में अटका हुआ था। चौड़ीकरण का ग्रामीण व दुकान लगातार विरोध कर रहे थे। इसके चलते मंगलवार को एसडीएम अमित कुमार भारतीय और एनएएचआइ के एडमिन मैनेजर प्रभात शर्मा ने ग्रामीणों के साथ बैठक कर 24 मीटर निर्माण हटाने पर दोनों पक्षों के बीच सहमति हो गई थी।

बुधवार को लेखपाल मुनेंद्र शर्मा व एनएचएआई के श्रमिक गांव पहुंचे और हाईवे के 24 मीटर के दायरे में आ रहे दुकान व मकानों पर निशान लगा दिए हैं। इस पर अतिक्रमण हटाने के लिए पुलिस बल, लेखपाल व हाईवे के श्रमिक 6 घंटे तक गांव में रहे। लेकिन तहसील व एनएचएआइ के उच्चाधिकारियों के नहीं पहुंचने पर वापस लौट गए। जिसके चलते अतिक्रमण हटाने का अभियान नहीं चलाया गया है। एसडीएम अमित कुमार भारतीय ने बताया कि अगर ग्रामीण अतिक्रमण नहीं हटाते हैं तो प्रशासनिक अधिकारी खुद अतिक्रमण हटवा देंगे।

पूर्व निदेशक के निधन पर फिशरीज पेंशनर्स एसो. ने जताया शोक: मत्स्य विकास निगम के निदेशक डा. आरवी वर्मा के निधन पर फिशरीज पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने शोक व्यक्त किया है। एसोसिएशन के सचिव डीएस सिसौदिया ने बताया कि डा. आरवी वर्मा सपरिवार कंकरखेड़ा में रहते थे। डा. वर्मा ने अपने कार्यकाल में मत्स्य पालन के लिए उन्नत प्रजाति की मछलियों के प्रजनन के लिए किला परीक्षितगढ़ में हैचरी का निर्माण कराया था। डा. वर्मा ने सेवानिवृत्त होने के बाद एसोसिएशन का गठन किया, जिसके वह अध्यक्ष बने।


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