राष्ट्रीय खेल विवि की तर्ज पर बनेगी मेरठ की स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी
शैक्षणिक अनुसंधान और प्रदर्शन पर फोकस्ड होगा करिकुलम तैयार हो चुका यूनिवर्सिटी एक्ट
मेरठ, जेएनएन। देश की तकरीबन सभी यूनिवर्सिटी में बीपीएड, एमपीएड, बीपीईएस और एमपीईएस कोर्स कराकर खेल प्रशिक्षक तैयार किए जाते हैं, लेकिन पूरी तरह से खेल को समर्पित स्टेट स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में खेल वैज्ञानिक तैयार किए जाएंगे। समय की मांग के अनुरूप एक बेहतरीन खिलाड़ी को तैयार करने के लिए शैक्षणिक, अनुसंधान और प्रदर्शन पर फोकस्ड करिकुलम तैयार किया जा रहा है। नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी मणिपुर, फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी चेन्नई, स्वर्णिम स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी गुजरात की तर्ज पर शिक्षाविदों, अनुसंधान और एथलेटिक प्रदर्शन के लिए विशिष्ट दृष्टिकोण रखते हुए मेरठ में बनने जा रही स्टेट स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी देश के अन्य विश्वविद्यालयों या उच्च शिक्षण संस्थानों से अलग होगी।
वैज्ञानिक से इंजीनियर तक
खेल विश्वविद्यालय में खेल विज्ञान, खेल प्रौद्योगिकी, खेल प्रबंधन और खेल कोचिग के क्षेत्रों में खेल शिक्षा को बढ़ावा देना ही प्राथमिकता होगी। एक खिलाड़ी को तैयार करने के लिए हर तरह की विशेषज्ञता वाले स्पोर्ट्स साइंटिस्ट तैयार होंगे। खेल प्रशिक्षण, साइकोलॉजी, फिजियो, न्यूट्रिशनिस्ट, खेल प्रबंधक आदि इसके अलग-अलग पहलू हैं। खिलाड़ी को कितना जोर लगाना है, कितनी सांस लेनी है, कितना खाना, सोना व ट्रेनिग करना है, आदि पर रिसर्च हो सकेगी। इसी तरह खेल उद्योग के लिए स्पोर्ट्स इंजीनियरिग एंड टेक्नोलॉजी आधुनिक कांसेप्ट है। इसमें खेल उत्पादन के विशेषज्ञ तैयार होंगे। ऐसा होगा खेल विवि का मिशन
-टॉप एथलीटों, खेल वैज्ञानिकों, सक्षम शिक्षाविदों को तैयार करना, जो कक्षा में सीखने की बजाय प्रतियोगिता, रिक्रिएशन, शारीरिक गतिविधियों के जरिए सीखें।
-खेल विज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी अनुसंधान कर सार्वजनिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना और भारतीय एथलीटों के अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए अपने निष्कर्षों का उपयोग कर समग्र रूप से मानव क्षमता का अध्ययन करना।
-खेल प्रबंधन, खेल पत्रकारिता, खेल वास्तुकला, खेल उपकरण निर्माण आदि सहित पूरे खेल ईको-सिस्टम को विकसित करना।
-छात्रों को उनके जीवन के सभी पहलुओं में सफल होने के लिए चरित्र विकसित करने वाले विविध अवसर प्रदान कर उनमें मूल्यों और नेतृत्व कौशल को विकसित करना।
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हर सुविधा से सुसज्जित है राष्ट्रीय खेल विवि
राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय वर्तमान में 168 एकड़ के क्षेत्र में इंफाल के खुमान लैंपक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में है। यहीं पर फरवरी 1999 में पांचवें नेशनल गेम्स का आयोजन हुआ था। कॉम्प्लेक्स के भीतर स्थित स्टेडियम और अन्य सुविधाएं नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के छात्रों के लिए उपलब्ध हैं। इसमें वॉलीबॉल, ताइक्वांडो, जिमनास्टिक, जूडो, इंडोर स्टेडियम, साइकिल वैलेड्रोम, मुक्केबाजी के लिए दो बॉक्सिग रिग, फुटबाल मैदान, एथलेटिक्स स्टेडियम में 400 मीटर सिथेटिक आठ ट्रैक आठ लेन, 200 मीटर सिथेटिक चार लेन एथलेटिक ट्रैक, रेसलिग का इंडोर हॉल, तीरंदाजी, शूटिग, छह भार प्रशिक्षण केंद्र, स्मार्ट क्लास, लाइब्रेरी, प्रयोगशाला, लड़के व लड़कियों के लिए अलग छात्रावास आदि ओलंपिक मानकों पर आधारित सुविधाएं व्याप्त हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय का नया परिसर 325 एकड़ के क्षेत्र में मणिपुर के पश्चिम जिले में निर्माणाधीन है।
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जरूरत हर शहर की..पर शुरुआत अच्छी है
भारतीय सेना में सूबेदार के तौर पर कार्यरत और भारतीय वुशू टीम के खिलाड़ी उचित शर्मा भारतीय टीम का हिस्सा बनकर चीन के बीजिग सहित अन्य शहरों में ट्रेनिग के लिए जा चुके हैं। उचित के अनुसार खेलों में चीन का प्रदर्शन शानदार रहने का कारण सभी बड़े शहरों में एक से अधिक स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का होना है। वहां हर खेल में शामिल एक-एक खिलाड़ी के प्रदर्शन पर रिसर्च कर उन्हें वैज्ञानिक तरीके से प्रशिक्षित किया जाता है। इससे खिलाड़ियों को भी अपनी क्षमता की सटीक जानकारी हो पाती है और वह भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने के बाद उससे आगे बढ़ने को तैयार रहते हैं।