सीसीएसयू के कांशीराम शोधपीठ में वेबिनार में बोले वक्ता, भारतीय समाज के अग्रदूत थे डा. अंबेडकर Meerut News
डा. बीआर अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में कांशी राम शोध पीठ और इंडियन इकोनोमिक्स एसोसिएशन की ओर से वेबिनार किया गया। इसमें डा. अंबेडकर के सामाजिक और आर्थिक चिंतन विषय पर वक्ताओं ने अपनी बात रखते हुए डा. अंबेडकर को भारतीय समाज का अग्रदूत बताया।
मेरठ, जेएनएन। डा. बीआर अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में कांशी राम शोध पीठ और इंडियन इकोनोमिक्स एसोसिएशन की ओर से वेबिनार किया गया। इसमें डा. अंबेडकर के सामाजिक और आर्थिक चिंतन विषय पर वक्ताओं ने अपनी बात रखते हुए डा. अंबेडकर को भारतीय समाज का अग्रदूत बताया।
वेबिनार में प्रति कुलपति प्रो. वाई विमला ने आह्वान किया कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी है। उन्होंने अंबेडकर को सकारात्मक्ता का सूचक बताया। जिन्होंने समाज के सभी वर्गो को आर्थिक और सामाजिक विषमता को दूर करने के लिए प्रयास किया। डा. भीम राव अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ के पूर्व कुलपति प्रो एनएमपी वर्मा ने डा. अंबेडकर के जीवन से लेकर परिनिर्वाण तक की घटनाओं पर चर्चा की। उनके आर्थिक योगदान विशेषकर रिजर्व बैंक आफ इंडिया, एक्सचेंज दर, असमानता का मापन, निर्धनता, बेरोजगारी आदि विषयों चर्चा की। बताया कि वर्तमान में धन का केंद्रीकरण मुख्य अंतरराष्ट्रीय समस्या है। चीन और यूएसए के बीच व्यापार युद्ध को मुख्य घटना के रूप में बताते हुए कहा कि फरवरी 2020 में अमरीका की अर्थव्यवस्था करीब 19 ट्रिलियन थी। चीन की लगभग 13-14 ट्रिलियन थी। चीन ने अमरीका को व्यापार युद्ध में हराने और अपनी अर्थव्यवस्था को 19 ट्रिलियन लाने के लिए ओर अमरीका को पीछे लाने के लिए विश्व को कोरोना जैसी बीमारी में डाल दिया। जिसका असर भारत सहित पूरे विश्व पर पड़ा है। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली के प्रो. राजेश पासवान ने डा. अंबेडकर को भारतीय समाज का अग्रदूत कहा। बताया कि भारतीय समाज डा. अंबेडकर के विचारों पर चलकर ही दीर्घकालीन उद्देश्यों की पूर्ति कर सकेगा। प्रो. एनसी लोहानी, प्रो. बीर सिंह, प्रो. प्रो रेखा जगन्नाथ ने भी अपने विचार रखे। कांशी राम शोध पीठ के निदेशक व इंडियन इकोनोमिक एसोसिएशन के सचिव प्रो. दिनेश कुमार ने संचालन किया। कुलसचिव धीरेन्द्र कुमार वर्मा, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. भूपेंद्र सिंह, चीफ प्राक्टर प्रो. बीरपाल सिंह, प्रो. अजय विजय कौर, प्रो. शैलेंद्र गौरव आदि अन्य ने भी प्रतिभाग किया।