Meerut Liquor case: मुकदमा दर्ज होते ही सपा नेता अतुल प्रधान ने की प्रेस कांफ्रेंस, शराब कांड पर गहराई सियासत
सपा नेता अतुल प्रधान के महापंचायत करने के बाद पुलिस ने अतुल समेत अन्य सपाईयों के खिलाफ लॉकडाउन उल्लंघन और महामारी एक्ट समेत अन्य संगीन धाराओं में दो मुकदमे दर्ज किए।
मेरठ, जेएनएन। जानी के मीरपुर जखेड़ा गांव में जहरीली शराब से तीन लोगों की मौत से सियासत गहरा गई है। सपा नेता अतुल प्रधान के महापंचायत करने के बाद पुलिस ने अतुल समेत अन्य सपाईयों के खिलाफ लॉकडाउन उल्लंघन और महामारी एक्ट समेत अन्य संगीन धाराओं में दो मुकदमे दर्ज किए। एक मुकदमा मृतक जगपाल के भाई विनोद की तहरीर पर दर्ज करने का पुलिस ने दावा किया है, जबकि सपा कार्यालय पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में विनोद ने मीडिया के सामने मुकदमा दर्ज कराने से इन्कार कर दिया। बाकायदा अपने हस्ताक्षर और एफआइआर पर हुए हस्ताक्षर को अलग-अलग बताया है।
शुक्रवार को जेल चुंगी स्थित सपा पार्टी कार्यालय पर सपा नेता अतुल प्रधान ने प्रेस कांफ्रेंस की। इस प्रेस कांफ्रेंस में जहरीली शराब से जान देने वाले जगपाल, पवन और अमित के परिवार के सभी सदस्य मौजूद रहे। अतुल प्रधान ने आरोप लगाया कि पुलिस ने सत्ता पक्ष के दबाव में आकर जानी थाने में उनके और पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ दो मुकदमे दर्ज किए। एक मुकदमा इंस्पेक्टर जानी की तरफ से दर्ज हुआ, जबकि दूसरे मुकदमे में मृतक जगपाल के भाई विनोद को वादी बनाया गया। मुकदमे में आरोप लगाया कि कोरोना संक्रमण के दौरान भी बिना अतुमति के महापंचायत का आयोजन किया है।
उधर, प्रेस कांफ्रेंस में विनोद और उनके पिता वीर सिंह ने स्पष्ट कर दिया कि उन्होंने अतुल प्रधान एवं अन्य सपा नेताओं के खिलाफ कोई तहरीर नहीं दी। पुलिस ने फर्जी तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया है। बाकायदा विनोद ने कोरे कागज पर अपने हस्ताक्षर कर दिखाए, जो एफआइआर की तहरीर पर हुए हस्ताक्षर से अलग है। विनोद ने कहा कि इसकी शिकायत अफसरों से करेंगे। साथ ही वह शपथ पत्र देने को तैयार है कि उनकी तरफ से कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। मृतक पवन के भाई संजय और मृतक अमित के चाचा तेजपाल ने भी कहा कि अतुल प्रधान और सपा पार्टी के कार्यकर्ता हमारी मदद में साथ खड़े हुए है, जिनकी पुलिस घेराबंदी करने में लगी हुई है।
सत्ता के दबाव में आकर दर्ज किए जा रहे मुकदमे
अतुल प्रधान ने कहा कि सत्ता के दबाव में आकर मुकदमे दर्ज किए जा रहे है। हालत यह हो गई कि लोकतंत्र में किसी को भी अपना पक्ष रखने का अधिकार तक नहीं रह गया है। पुलिस की मनमानी यह साबित कर रही है। इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव महामहिम राज्यपाल के समक्ष रखेंगे।
सपा जिलाध्यक्ष को क्यों बचा रही पुलिस
महापंचायत में सपा के जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह भी मौजूद थे। उसके बाद भी मुकदमें में राजपाल सिंह को नामजद नहीं किया गया, जबकि अतुल प्रधान समेत सपा के कई कार्यकर्ताओं को नामजद किया है। अतुल प्रधान का आरोप है कि पुलिस इस तरह का काम कर सपा कार्यकर्ताओं में फूट डालना चाहती है।
विनोद के हस्ताक्षरों का मिलान कराया जाएगा
विनोद के आरोपों से घिरी पुलिस अब हस्ताक्षर की जांच की बात भी कह रही है। एसएसपी अजय साहनी ने कहा कि विनोद की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है। उसके हस्ताक्षरों की जांच करा ली जाएगी। हस्ताक्षरों में सत्यता मिलने पर विनोद के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। महापंचायत के दौरान शारीरिक दूरिया एवं मास्क का प्रयोग नहीं किया गया, इसलिए महापंचायत का अयोजन करने वालों पर मुकदमा दर्ज किया गया है।