बसपा जिलाध्यक्ष के अल्ट्रासाउंड केंद्र पर सोनीपत की टीम का छापा, चार गिरफ्तार
हरियाणा के सोनीपत की टीम के साथ परतापुर क्षेत्र में की छापामारी। चार आरोपितों को मौके पर पकड़ा, मुकदमा दर्ज। गत तीन साल में हर बार हरियाणा की टीम ने की अगुवाई, मेरठ हुआ शर्मसार।
जागरण संवाददाता, मेरठ। हरियाणा के सोनीपत से आई टीम ने शुक्रवार को परतापुर क्षेत्र में चल रहे बसपा जिलाध्यक्ष डा. सुभाष प्रधान के अल्ट्रासाउंड केंद्र पर छापा मारा। टीम के साथ मेरठ के सिटी मजिस्ट्रेट भी मौजूद रहे। अवैध रूप से लिंग परीक्षण कर रहे चार लोगों को टीम ने गिरफ्तार कर पुलिस को सौंप दिया। पुलिस भले ही इस केंद्र को बसपा नेता का बता रही है, लेकिन बसपा जिलाध्यक्ष का कहना है कि उनका इस अल्ट्रासाउंड से कोई लेनादेना नहीं है।
सोनीपत के उप मुख्य चिकित्साधिकारी डा. आदर्श शर्मा और वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डा. अरविता कौशिक ने परतापुर क्षेत्र में अवैध लिंग परीक्षण केंद्र होने की शिकायत जिला प्रशासन से शुक्रवार को की। जिस पर सिटी मजिस्ट्रेट शैलेंद्र प्रताप सिंह के निर्देशन में एक टीम बनाई। इसमें थाना पुलिस के साथ एसीएमओ डा. प्रवीण कुमार भी शामिल रहे। टीम ने परतापुर क्षेत्र में एनएच के किनारे स्थित एक मकान पर छापा मारकर मकान मालिक सहित चार लोगों को हिरासत में लिया। अल्ट्रासाउंड की मशीन मौके पर बरामद नहीं हो सकी। जांच में सामने आया कि अल्ट्रासाउंड करने वाली एक महिला मशीन को लेकर टीम पहुंचने से पहले ही फरार हो गई। पकड़े गए चारों लोगों को टीम परतापुर थाने लाई और पुलिस के हवाले कर दिया। सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि सोनीपत से आई टीम की सूचना पर छापामारी की गई। भारती नाम की महिला अल्ट्रासाउंड की मशीन को लेकर फरार हो गई। सवाल उठता है कि आखिर एक महिला इतनी भारी मशीन को लेकर कैसे फरार हो गई?
यह लोग हुए नामजद
बसपा जिलाध्यक्ष डा. सुभाष प्रधान पुत्र ओमपाल सिंह निवासी डिंढाला, डा. योगेंद्र पंवार निवासी बड़ौत, अमित पुत्र कृपाल सिंह निवासी नई बस्ती मेरठ, सोनू निवासी बड़ौत, सतीश निवासी लिसाड़ी, मुकेश निवासी मोहिउदद्ीनपुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। बसपा जिलाध्यक्ष व डा. योगेंद्र पंवार को छोड़कर सभी को गिरफ्तार कर लिया है।
इस बारे में बसपा जिलाध्यक्ष डा. सुभाष प्रधान का कहना है कि मेरा इस अल्ट्रासाउंड केंद्र से कोई लेना-देना नहीं है। मेरा श्रवण अस्पताल के नाम से चिकित्सा केंद्र है। यह अल्ट्रासाउंड केंद्र मेरे अस्पताल के बराबर वाली गली में है। यह किसका है, मुझे नहीं पता। राजनीति के तहत मुझे नामजद किया गया है। मुझे पता चला है कि जहां पर अल्ट्रासाउंड केंद्र पकड़ा गया है वहां पर कोई मशीन भी नहीं मिली है।
इतने लापरवाह हैं मेरठ के अधिकारी, नहीं की एक भी छापामारी
कन्या भ्रूण हत्या पर रोक लगाना मेरठ के एजेंडे में नहीं। पिछले तीन साल की रिपोर्ट कम से कम यही बताती है। मुखबिर योजना के बाद भी मेरठ का स्वास्थ्य विभाग एवं प्रशासन अपने स्तर पर एक भी छापामारी नहीं कर सका। इस दौरान आधा दर्जन से ज्यादा अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर स्टाफ को रंग हाथों पकड़ा जा चुका है, किंतु हर बार हरियाणा की टीम ने अगुवाई की।
हरियाणा एवं उससे सटे यूपी के जिलों में लिंगानुपात तेजी से गिरा। एक साल पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने मुखबिर योजना लांच की, जिसमें मिथ्या ग्राहकों के जरिए ऐसे केंद्रों को पकड़ना था, जहां लिंग जांच की जाती है। इस दौरान सोनीपत की टीम को मेरठ में तमाम स्थानों पर लिंग जांच की भनक लगी, जबकि स्वास्थ्य विभाग एवं प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा। तीन साल पहले जब हरियाणा की टीम ने एमएलसी डा. सरोजनी अग्रवाल की बहन डा. सविता को रंग हाथों पकड़ा तो सनसनी मच गई। किंतु सत्ता के दबाव में उन्हें न सिर्फ बख्शा गया, बल्कि जब्त मशीन भी वापस कर दी गई। इसके बाद तमाम केंद्रों में लिंग जांच का रैकेट पकड़ा गया। चिकित्सकों की मानें तो मेरठ में पीसीपीएनडीटी सेल बीच में लंबे समय तक निष्क्रिय पड़ा रहा। छापेमारी के लिए प्रशासनिक एवं चिकित्सीय अधिकारियों में तालमेल न होने से भी अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर नियंत्रण नहीं किया जा सका।
ये है मंडल की हकीकत-एक अप्रैल 2018 से अब तक
जिला अल्ट्रासाउंड केंद्र निरस्त केंद्र निरीक्षण किए गए केंद्र बैठकें
मेरठ 75 00 61 01
गाजियाबाद 207 08 96 02
बागपत 51 00 104 01
गौतमबुद्धनगर 169 00 38 00
बुलंदशहर 55 04 36 01 सीएमओ डा. राजकुमार के मुताबिक लिंग जांच को लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम पूरी तरह अलर्ट है। कई स्थानों पर छापेमारी भी की गई है। मुखबिरों की संख्या बढ़ाने के साथ ही मिथ्या ग्राहकों को भी नेटवर्क में जोड़ा जा रहा है।