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Meerut News : ट्रांसपोर्टर का बेटा दिल्‍ली से बरामद, खुुुला अपहरण का राज; सौतेले मां के उत्‍पीड़न की बात आई सामने

Meerut Kidnapping case शास्त्री नगर के ट्रांसपोर्टर का बेटा दिल्ली से बरामद हआ। पुलिस की टीम बच्चे को लेकर मेरठ के लिए हुई रवाना हो चुकी है। पुलिस का दावा है कि अपहरण नहीं हुआ। पूरे मामले में पुलिस पूछताछ कर रही है। उसके बाद ही पूरा मामला समझ आएगा।

By Taruna TayalEdited By: Published: Tue, 03 Nov 2020 02:37 PM (IST)Updated: Tue, 03 Nov 2020 07:27 PM (IST)
Meerut News : ट्रांसपोर्टर का बेटा दिल्‍ली से बरामद, खुुुला अपहरण का राज; सौतेले मां के उत्‍पीड़न की बात आई सामने
ट्रांसपोर्टर का बेटा दिल्ली से बरामद हआ।

मेरठ, जेएनएन। ट्रांसपोर्टर आसिफ अली के बेटे आरिफ के दिनदहाड़े अपहरण का हल्ला मचा तो पुलिस ने 18 घंटे में पर्दाफाश भी कर दिया। पुलिस के खुलासे में सामने अया कि आरिफ जिसका सोमवार को अपहरण हुआ था और 50 लाख की फिरौती मांगी थी, वह घर से साढ़े नौ लाख की रकम लेकर भागा था। साथ ही अपहरण की कहानी रचकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। पुलिस ने सर्विलांस की मदद से आरिफ को दिल्ली से बरामद कर लिया। आरिफ ने बताया कि पिता की उपेक्षा और मां के उत्पीडऩ के चलते ही उसने घर छोड़ दिया था। बच्चे को बरामद करने के बाद मेडिकल कराकर परिवार को सौंप दिया है।

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एसएसपी ने बताया पूरा मामला

रिजर्व पुलिस लाइन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि सोमवार की दोपहर एक बजे पुलिस को सूचना दी गई कि नौचंदी थाने के शास्त्रीनगर स्थित सेक्टर 12 निवासी ट्रांसपोर्टर आसिफ अली के 15 वर्षीय बेटे आरिफ को अगवा कर लिया। बेटी आयशा के मोबाइल पर 50 लाख की फिरौती के लिए मैसेज आया। साथ ही आयशा की बुक के एक पन्ने पर भी फिरौती की रकम लिखकर डाली गई थी। तभी एसटीएफ, क्राइम ब्रांच और संबंधित थानों की पुलिस को लगाया गया। पुलिस ने आरिफ को दिल्ली की जामा मस्जिद के पास से बरामद कर लिया। उसके बाद नौ लाख 31 हजार की नकदी भी बरामद की गई है। पुलिस ने बच्चे को बरामद करने के बाद मेडिकल कराकर उसके परिवार को सौंप दिया है। 

फिल्मों से आइडिया लेकर रची थी अपहरण की साजिश

आरिफ ने बताया कि आसिफ ने जनवरी में अनम से दूसरा निकाह कर लिया। तब से अनम अक्सर आरिफ और उसकी दो बहनों का उत्पीडऩ कर रही है। सोमवार को कक्षा नौ का रिजल्ट आया था, जिसमें आरिफ के अच्छे नंबर थे। तभी उसकी सौतेली मां ने आसिफ को बताया कि स्कूल से शिक्षक ने बताया है कि आरिफ नकल करके पास हुआ है। उसके बाद आसिफ ने भी आरिफ को डांट लगा दी। उसके बाद आसिफ उसकी पत्नी और एक बच्ची को साथ लेकर किठौर के राधना चले गए। उस समय घर पर आयशा और आरिफ रह गए थे। 

तभी आरिफ ने फिल्मे देखकर अपहरण की साजिश रच दी। उसने पिता का नौ लाख की नगदी से भरा बैग उठाया। उसके बाद आयशा की बुक से एक पेज उखाड़ा। उस पर 50 लाख की रकम लिखकर फिरौती मांगी। घर से निकलने के 45 मिनट बाद आयशा के मोबाइल पर रंगदारी का मैसेज भी छोड़ दिया। घर से ई-रिक्शा में सोहराबगेट बस स्टैंड पहुंचा, वहां से बस में सवार होकर हापुड़ पहुंचा, जहां से ओला कैब बुक करने के बाद दिल्ली जामा मस्जिद पर पहुंच गया। वहां पर मकान किराए पर लेने की फिराक में था। पुलिस सर्विलांस के माध्यम से पकड़कर वापस ले आई। 

आरिफ तक ऐसे पहुंची पुलिस और एसटीएफ

आरिफ ने घर से बाहर निकलते ही अपना मोबाइल बंद कर लिया था। हापुड़ पहुंचने के बाद मोबाइल खोलकर अपना पुराना सिम डाल दिया। नये सिम को वहीं पर फेंक दिया। पुलिस ने पहले सीसीटीवी कैमरे देखे, जहां पर आरिफ अकेले जाते दिखाई दिया। उसके बाद आरिफ के मोबाइल के ईएमईआइ नंबर को चेक कर देखा गया। पता चला कि उस ईएमईआइ पर दूसरा नंबर चल रहा है। उस नंबर की लोकेशन पुलिस को दिल्ली में मिली। पुलिस की एक टीम दिल्ली के लिए रवाना कर दी। सुबह चार बजे पुलिस ने दिल्ली से आरिफ को पकड़ लिया था। 


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