इस बार सोमवती अमावस्या को बन रहा है सिद्धि योग, पढ़िए इसका धार्मिक महत्व
Somvati Amavasya 2022 जनवरी माह में सोमवती अमावस्या में इस बार सिद्धि योग बन रहा है। आपको बता दें कि इस साल कुल 13 अमावस्या तिथि है। जिसमें से केवल दो ही सोमवती अमावस्या है। इसका धार्मिक महत्व बता रही हैं महामंडलेश्वर नीलिमानंद महाराज।
मेरठ, जागरण संवाददाता। Somvati Amavasya 2022 सोमवार को लगने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है। इसका धार्मिक दृष्टि से काफी महत्व है। माना जाता है कि अमावस्या के दिन व्रत पूजन और पितरों को जल तिल देने से बहुत पुण्य मिलता है। सुहागिन महिलाओं के लिए भी इस दिन काफी महत्व है। इस दिन व्रत रखने वाली सुहागिन महिलाओं को शिव पार्वती की पूजा करने से सुहाग की लंबी आयु आशीर्वाद प्राप्त होता है।
इस साल 22 अमावस्या तिथि
सूरजकुंड स्थित बाबा मनोहरनाथ मंदिर की महामंडलेश्वर नीलिमानंद महाराज ने बताया कि इस साल कुल 13 अमावस्या तिथि है। जिसमें से केवल दो ही सोमवती अमावस्या है। साल की पहली सोमवती अमावस्या 31 जनवरी को है, और दूसरी 30 मई को होगी। पंचांग गणना के अनुसार 31 जनवरी को दोपहर 2.19 बजे तक चतुर्दशी तिथि है। इसके बाद अमावस्या तिथि लग जाएगी। शास्त्रों के अनुसार सोमवार को कुछ समय के लिए अमावस्या तिथि होने पर इसे बेढ़ी और सोमवती अमावस्या मानते हैं। एक फरवरी को अमावस्या तिथि सुबह 11.16 बजे तक है। इसलिए 31 जनवरी को भी पितृ कार्य के लिए अमावस्या मान्य है।
सिद्धि योग भी रहेगा
ज्योतिषाचार्य विभोर इंदुसूत का कहना है कि सोमवती अमावस्या पर चतुर्दशी यानी मास शिवरात्रि का संयोग भी कुछ समय के लिए बनी हुआ है। इस दिन 10.25 बजे सिद्धि योग भी लग जाएगा। इसलिए इस दिन शिवलिंग पर दूध, बेलपत्र और धतूरा अर्पित करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होगा।