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किसी का नाम गलत, किसी को नहीं मिला नियुक्ति पत्र, बुलंदशहर में विभागीय लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे शिक्षक

बुलंदशहर में 600 से अधिक अभ्यर्थियों का चयन टीजीटी-पीजीटी पद पर हुआ है। उन्हें माध्यमिक शिक्षा विभाग ने रिक्त पदों पर नियुक्त किया है। इन नवचयनित शिक्षकों को विद्यालय आवंटित कर कार्यभार ग्रहण कराने के लिए भी प्रबंध समितियों को निर्देश दिए गए हैं।

By Parveen VashishtaEdited By: Published: Thu, 25 Nov 2021 05:45 PM (IST)Updated: Thu, 25 Nov 2021 05:45 PM (IST)
किसी का नाम गलत, किसी को नहीं मिला नियुक्ति पत्र, बुलंदशहर में विभागीय लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे शिक्षक
बुलंदशहर में विभागीय लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे शिक्षक

बुलंदशहर, जागरण संवाददाता। नव चयनित प्रशिक्षित स्नातक शिक्षकों में किसी के नाम, किसी के सरनेम तो किसी के पते में गलती है। कुछ को पंजीकृत डाक से भेजे गए नियुक्ति पत्र तक प्राप्त नहीं हो सके हैं। इस विभागीय लापरवाही का खामियाजा उन्हें उठाना पड़ रहा है। शैक्षिक प्रमाणपत्रों के सत्यापन कराने के लिए एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर हैं।

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जिले में हुआ है 600 से अधिक अभ्यर्थियों का चयन

उप्र सेवा चयन बोर्ड की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद जिले में 600 से अधिक अभ्यर्थियों का चयन टीजीटी-पीजीटी पद पर हुआ है। उन्हें माध्यमिक शिक्षा विभाग ने जिले के विद्यालयों में रिक्त पदों पर नियुक्त किया है। इन नवचयनित शिक्षकों को विद्यालय आवंटित कर संबंधित विद्यालय में कार्यभार ग्रहण कराने के लिए भी प्रबंध समितियों को निर्देश दिए गए हैं। जिनमें स्वीकृत पद से अधिक पदों पर कार्यभार ग्रहण न कराने, शैक्षणिक, योग्यता, अनुभव एवं स्वास्थ्य प्रमाण पत्र कार्यालय में जमा कराकर जांच कराने के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद शासन ने इन्हें तैनाती देने से पहले शैक्षणिक दस्तावेजों का सत्यापन कराने के निर्देश माध्यमिक शिक्षा विभाग को दिए। जिस पर महकमे ने जीआइसी में सत्यापन प्रक्रिया शुरू कराई। जिसमें शामिल होने के लिए 25 नवंबर तक का समय दिया गया। जब नवचयनित शिक्षक अपने प्रमाणपत्रों को चेक कराने के लिए जीआइसी पहुंचे। कुछ नवचयनित शिक्षक विभागीय लापरवाही का शिकार रहे। समस्या समाधान के लिए जीआइसी से डीआइओएस कार्यालय तक चक्कर लगाते रहे। इनमें शिक्षिकाएं भी शामिल रहीं। जिन्होंने कार्यालय पहुंचकर नाम, आदि में व्याकरण संबंधी गलती को सुधारने की गुहार लगाई। कुछ ने नियुक्ति पत्र नहीं पहुंचने पर सत्यापन प्रक्रिया में शामिल नहीं करने की बात कही। उनकी समस्याओं को दर्ज कर समाधान कराया गया।

इन्होंने कहा....

शासन के निर्देश पर नव चयनित टीजीटी-पीजीटी के प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराया गया। यदि किसी के नाम आदि में कोई व्याकरण संबंधी अशुद्धि है और किसी को समय पर नियुक्ति पत्र नहीं मिला है तो इस आधार पर उनकी सत्यापन प्रक्रिया रोकी नहीं गई है। उनसे प्रार्थनापत्र लेकर प्रक्रिया का हिस्सा बनाया गया है।

-शिव कुमार ओझा, डीआइओएस


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