दारोगा भर्ती में परीक्षा केंद्र का कंप्यूटर रिमोट पर लेकर हल किया प्रश्नपत्र
यूपी दारोगा भर्ती परीक्षा में साइबर एक्सपर्ट की मदद से परीक्षा केंद्र के मास्टर कं
मेरठ,जेएनएन। यूपी दारोगा भर्ती परीक्षा में साइबर एक्सपर्ट की मदद से परीक्षा केंद्र के मास्टर कंप्यूटर को रिमोट से हैक कर प्रश्न-पत्र हल किए गए। एसटीएफ की टीम ने तीन साइबर एक्सपर्ट को पकड़कर उनके कब्जे से एक मानिटर, तीन सीपीयू, एक वायफाई राउटर, एक डीलिंक स्विच, एक इंटरनेट डिवाइस, 12 लेन केबल, चार पावर कोड, आनलाइन प्रश्न-पत्र और कंप्यूटर कब्जे में लिए हैं। इसके एवज में प्रति छात्र आठ-दस लाख रुपये वसूल रहे थे।
सीओ ब्रिजेश सिंह ने बताया कि अलीगढ़ के बन्नादेवी थाना क्षेत्र के खैर बाइपास पर स्थित महर्षि गौतम इंटर कालेज में उपनिरीक्षक भर्ती में आनलाइन परीक्षा का सेंटर लगा हुआ है। मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ को पता चला कि कालेज से प्रश्नपत्र हैक कर अभ्यर्थियों का पास कराया जा रहा है। तभी एसटीएफ ने मामले की पड़ताल की। पता चला कि कालेज के पास राजबीर का मकान है। मकान के अंदर कंप्यूटर रखकर लेन के कालेज के मास्टर कंप्यूटर से कनेक्शन जोड़ा गया है। यह कनेक्शन कालेज के मालिक योगेंद्र ने जुड़वाया है।
एसटीएफ ने शुक्रवार को छापा मारकर राजबीर, राजू उर्फ दीपक तथा हिमाशु को गिरफ्तार किया है। नेटवर्किंग टेक्नीशियन राजू उर्फ दीपक ने पूछताछ में बताया कि कालेज के मालिक योगेंद्र ने मकान स्वामी को फ्री इंटरनेट की सुविधा और प्रतिदिन बीस हजार रुपये किराया देने का झासा देकर एक कमरा किराए पर लिया था। योगेंद्र ने ही एनएसईआइटी कंपनी के सेंटर हेड हिमाशु निवासी मुरादनगर थाना भगवानपुर हरिद्वार से कालेज के मास्टर कंप्यूटर से कनेक्शन दिलाया था। उसके बाद पूरे कंप्यूटर को सेट करने के लिए दीपक उर्फ जीतू निवासी बनादेवी अलीगढ़ को बुलाया था। राजू ने बताया कि उसे पूरे सिस्टम को सेट करने और इंटरनेट की सुविधा मुहैया कराने के लिए एक लाख रुपये में तय किया गया था। राजू ने पूछताछ में बताया कि पूरे परीक्षा उत्तीर्ण कराने में योगेंद्र के अलावा कुलदीप सिंह, योगी चौधरी, उमेश, प्रदीप, मोहन, भूरा, बिट्टू और राजबीर में शामिल है। फरार अभियुक्तों की धरपकड़ जारी है। ऐसे हैक कर पश्न पत्र हल कर रहे थे
वाइफाइ राउटर लगाकर वहा अपना मेन सिस्टम इंस्टाल किया। इसे परीक्षा केंद्र की लैब से कनेक्ट करने के लिए एक फिजिकल लेन केबल डाली, जो घर से परीक्षा केंद्र की लैब में लगे मास्टर कंप्यूटर तक पहुंचाई गई। इंटरनेट केबल को लैब के मास्टर कंप्यूटर से जोड़ा। अपने इंटरनेट के वाइफाइ राउटर पर स्टैटिक आइपी स्थापित किया। इससे कालेज की लैब के सिस्टम चालू होते ही लोकल कनेक्टिविटी एवं इंटरनेट कनेक्टिविटी दोनों इनेबल हो जाती थी, जिससे वो आइपी एड्रेस की हेल्प से लैब का सिस्टम रिमोट पर कनेक्ट कर लेते थे। मास्टर कंप्यूटर का पूरा कंट्रोल अपने हाथ में रखते थे। जिस छात्र का पेपर साल्व किया जाता था, वह सिर्फ परीक्षा केंद्र में कंप्यूटर के सामने बैठा रहता था। सभी काम परीक्षा केंद्र के बाहर रखे कंप्यूटर से होता था। एक पाली में दो अभ्यर्थियों के पेपर साल्व किए जाते थे।