मेरठ में विवादों में घिरे एसओ ने चार लाख में खरीदी थी फार्महाउस की जमीन, जांच के बाद होगी कार्रवाई
हस्तिनापुर में आलीशान फार्महाउस बनवाने वाले एसओ धर्मेंद्र सिंह विवादों के घेरे में हैं। मेरठ में वन और राजस्व विभाग इस बात की पड़ताल में जुटे हैं कि फार्म हाउस निर्माण की अनुमति थी या नहीं। उधर मवाना सीओ भी जांच सौंपी गई है।
मेरठ, जेएनएन। हस्तिनापुर में आलीशान फार्महाउस बनवाने वाले एसओ विवादों के घेरे में हैं। मेरठ में वन और राजस्व विभाग इस बात की पड़ताल में जुटे हैं कि फार्म हाउस निर्माण की अनुमति थी या नहीं। उधर, एसओ ने चार लाख रुपये में पौने दो बीघा जमीन खरीदने की बात स्वीकारी है। उनका कहना है कि पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त हुए ससुर ने पैसा दिया। उन्होंने पत्नी की पासबुक की प्रति भी पेश की।
जमीन की रजिस्ट्री पेश की
मूलरूप से मथुरा निवासी एसओ धर्मेंद्र सिंह ने मेरठ के चाणक्यपुरी शास्त्रीनगर की एसटूएस कालोनी में 2018 में फ्लैट भी लिया था। उनका परिवार इसी फ्लैट में रह रहा था। लाकडाउन हुआ तो धर्मेंद्र परिवार को भी हस्तिनापुर ले गए। जून 2019 में धर्मेंद्र सिंह ने पत्नी कल्पना सिंह के नाम से पौने दो बीघा जमीन खरीदी थी। धर्मेंद्र ने उसकी रजिस्ट्री पेश की। जमीन चार लाख दस हजार रुपये में खरीदी गई। उनके ससुर शीशपाल भी पुलिस में इंस्पेक्टर रह चुके हैं। वह अलीगढ़ से सेवानिवृत्त हुए हैं।
निलंबित एसओ का गोपाल काली पर पलटवार
धर्मेंद्र सिंह का कहना है कि पूर्व विधायक गोपाल काली रंजिश में उन पर आरोप लगा रहे हैं। धर्मेंद्र का आरोप है कि गोपाल काली हस्तिनापुर में नगर पंचायत का निर्माण रुकवाकर वसूली करते थे। निर्माण रुकवाने के लिए पुलिस को फोन करते थे। बाद में पता चला कि निर्माण कार्य रोकने के बाद गोपाल काली नगर पालिका से वसूली करते हैं। पुलिस ने निर्माण कार्य रोकना बंद कर दिया। गोपाल पिछले कई दिनों से उनकी शिकायत कर रहे हैं। गोपाल काली ने ही बिजली विभाग में शिकायत कर छापा डलवाया है। बता दें कि धर्मेंद्र सिंह के खिलाफ पूर्व विधायक ने मोर्चा खोला था।
ध्वस्तीकरण से बच रहे जिम्मेदार
एसओ धर्मेंद्र सिंह के फार्म हाउस को अवैध बता रहे अधिकारी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से बच रहे हैं। 48 घंटे से अधिक हो गया लेकिन सिर्फ जांच की बात कहकर पल्ला झाड़ा जा रहा है। हस्तिनापुर एसओ धर्मेंद्र ने अपनी पत्नी कल्पना सिंह के नाम जमीन खरीदकर बिना अनुमति वहां फार्महाउस बना दिया। यह क्षेत्र सेंक्चुअरी में आता है। यहां अवैध निर्माण रोकने का जिम्मा वन विभाग और राजस्व विभाग का है। एक भी ईंट लगाने के लिए वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होता है। इसके बावजूद खादी-खाकी के गठजोड़ ने यह अवैध निर्माण खड़ा कर दिया। सवाल है आम लोगों के लिये तमाम बंदिशें खड़ी करने वाले फिर खाकी के लिये रियायत क्यों बरती गयी?। वन रेंजर नवरतन सिंह अभी भी बचाव की मुद्रा में है।
जांच का विषय, उसके बाद होगी कार्रवाई
कृषि भूमि पर फार्महाउस बनाने के मामले में एसडीएम कमलेश गोयल का कहना है शासन ऐसे मामलों में कमेटी गठित करता है। उसके बाद जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जद में मामला आता है। अभी जांच का विषय है उसके बाद ही कार्रवाई की जाएगी।
इनका कहना है
फार्म हाउस मामले में सीओ मवाना जांच कर रहे हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। बिजली चोरी मामले में बिजली विभाग कार्रवाई कर रहा है।
- अजय साहनी, एसएसपी