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महिला अपराध को लेकर मेरठ के हालात अच्‍छे नहीं, आंकड़ों में भी हेराफेरी, जानें-पूरा मामला Meerut News

यहां पर तथ्‍य चौंकाने वाले हैं। हाथरस कांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। मेरठ जिले में भी महिला अपराध को लेकर हालात भी बेहतर नहीं हैं। यहां नौ माह में 29 महिलाओं के साथ दुष्कर्म हुआ जबकि 89 बेटियों के साथ छेड़छाड़ की घंटनाएं हुईं।

By Prem BhattEdited By: Published: Sun, 04 Oct 2020 10:00 AM (IST)Updated: Sun, 04 Oct 2020 10:23 AM (IST)
महिला अपराध को लेकर मेरठ के हालात अच्‍छे नहीं, आंकड़ों में भी हेराफेरी, जानें-पूरा मामला Meerut News
मेरठ में महिलाओं के प्रति अपराध को लेकर हालात अच्‍छे नहीं हैं।

मेरठ, जेएनएन। हाथरस कांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। महिला अपराध को लेकर जनपद के हालात भी अच्छे नहीं हैं। यहां नौ माह में 29 महिलाओं के साथ दुष्कर्म हुआ, जबकि 89 बेटियों के साथ छेड़छाड़ की घंटनाएं हुईं। इसके अलावा 27 लड़कियों को अगवा कर लिया गया। हालांकि इनमें से ज्यादातर को पुलिस बरामद कर चुकी है। और हां, अगर अपराध के आंकड़ों पर नजर डालें तो इनसे हेराफेरी की बू आ रही है।

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समीक्षा शुरू हुई

हाथरस कांड के बाद प्रदेश स्तर पर महिला अपराध की समीक्षा शुरू कर दी गई है। सभी जनपदों से नौ महीने में महिला अपराध का रिकार्ड मांगा गया है। लाकडाउन होने की वजह से पिछले वर्षों के मुकाबले महिला अपराध में कमी जरूर आई है, लेकिन फिर भी 39 बेटियों को अपनी आबरू गंवानी पड़ी। 89 के साथ मनचलों ने छेड़छाड़ की। इसके अलावा 196 महिलाएं दहेज उत्पीडऩ का शिकार भी हुई हैं।

एक नजर यह भी

आंकड़ों पर नजर डालें तो इनसे हेराफेरी की बू आ रही है। शहर में हर आठवें दिन महिला से चेन और मोबाइल छिन जाता है। इसके बाद भी नौ माह में सिर्फ चार स्नेचिंग की घटनाएं ही दर्शाई जा रही हैं। यही नहीं, तेजाब फेंकने की घटनाएं तो शून्य ही दर्शाई गई हैं। यह तब है जबकि फरवरी में ही महिला के ऊपर एसएसपी आवास के सामने दारोगा की पत्नी ने तेजाब उडेल दिया था। सिविल लाइन थाने में मुकदमा भी दर्ज हुआ। हालांकि पुलिस ने मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगा दी। उस घटना का पुलिस रिकार्ड में जिक्र तक नहीं किया गया।

नौ माह में महिला अपराध की घटनाएं

अपराध - संख्या

दुष्कर्म - 39

दहेज हत्या - 27

छेड़छाड़ - 89

अपहरण - 27

दहेज उत्पीडऩ - 196

चेन स्नेचिंग - 04

इनका कहना है

महिला अपराध की घटनाएं गतवर्ष के मुकाबले कम हुई हैं। ज्यादातर घटनाओं का निस्तारण कर दिया गया है। सभी आरोपितों को जेल भेज दिया है। कुछ मुकदमे कोर्ट में ट्रायल पर आ चुके हैं। महिला अपराध में मुकदमों की पैरवी के लिए सेल बनाया गया है, ताकि पीडि़त महिलाओं की काउंसिलिंग की जा सके।

- अजय साहनी, एसएसपी


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