खामोश तंत्र ने निकलवाई लोगों की चीख
तेजाब की बिक्री से लेकर उसे खरीदने तक के लिए नियम तो बहुत सख्त हैं लेकिन उनका पालन कहीं नहीं होता। इसके चलते ही गली-मोहल्लों में ठेलों से लेकर परचून की दुकान तक पर तेजाब मिल जाता है। घटना-दुर्घटना के बाद सिर्फ हवाई बातें होकर रह जाती हैं।
मेरठ, जेएनएन। तेजाब की बिक्री से लेकर उसे खरीदने तक के लिए नियम तो बहुत सख्त हैं, लेकिन उनका पालन कहीं नहीं होता। इसके चलते ही गली-मोहल्लों में ठेलों से लेकर परचून की दुकान तक पर तेजाब मिल जाता है। घटना-दुर्घटना के बाद सिर्फ हवाई बातें होकर रह जाती हैं।
लिसाड़ी गेट क्षेत्र मे ऐसी कई इकाइयां हैं, जहां अवैध रूप से तेजाब बनाया जा रहा है। इसके अलावा गली और मोहल्लों में भी ठेलों पर बिक्री होती है। हालांकि वह उतने ज्वलनशील नहीं होते, लेकिन नुकसान तो पहुंचा ही देते हैं। इसके अलावा कोतवाली और अन्य जगहों पर भी तेजाब का अवैध काम होता है। माधवपुरम से तो तेजाब की कैन जा ही रही थीं। अब पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि तेजाब कहां से आया था और कहां जा रहा था। यह हादसा न हुआ होता तो सब कुछ ऐसे ही चलता रहा। यह तंत्र की खामोशी है, जिससे लोगों की चीखें निकल गई। अब धरपकड़ की बात कही जा रही है। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने कहा कि पूरे जनपद में अवैध रूप से तेजाब बनाने और बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सभी थानों से इस संबंध में जानकारी मांगी जा रही है।
बिना पहचान बताए नहीं दिया जा सकता
तेजाब की बिक्री को लेकर कोर्ट से लेकर सरकार तक सख्त है, लेकिन तंत्र से जुड़े लोग लापरवाही बरतने से बाज नहीं आते। तेजाब सिर्फ उन्हीं जगहों पर मिल सकता है, जिनको प्रशासन की ओर से लाइसेंस मिला हुआ है। स्कूल-कालेज के साथ ही सर्राफ और वह संस्थान जहां तेजाब की जरूरत होती है, उनको भी अनुमति के बाद ही तेजाब मिल सकता है। इसके अलावा किसी भी अवयस्क को तेजाब नहीं दिया जा सकता। वयस्क को भी पहचान पत्र देना होता है। इसके बावजूद थोड़े से लालच में दुकानदार नियमों को दरकिनार कर तेजाब बेच देते हैं।