शहर से डेयरियों को बाहर करने के अभियान को झटका
प्रयागराज हाईकोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई में वर्ष 2019 को निर्देशित किया था कि
मेरठ,जेएनएन। प्रयागराज हाईकोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई में वर्ष 2019 को निर्देशित किया था कि शहर में संचालित डेयरियों को शहर से बाहर किया जाए। जिसके पालन में नगर निगम ने डेयरियों पर लाखों रुपये के जुर्माने किए। डेरियों के सब मर्सिबल पंप उखाड़े। चेतावनी नोटिस दिए। लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिली। डेयरी संचालक कैटल कालोनी विकसित करने की मांग पर डटे रहे। पर एमडीए और जिला प्रशासन कैटल कालोनी के लिए जगह उपलब्ध नहीं करा सके। ऐसे में गोबर की गंदगी से चोक हो रहे नाला-नालियों को निजात दिलाने के लिए नगर निगम को गोबर कलेक्शन की वैकल्पिक व्यवस्था बनानी पड़ रही है। इससे शहर गोबर की गंदगी तो समाप्त हो सकती है लेकिन डेयरियां शहर में मौजूद रहेंगी।
बुधवार को इसे सिलसिले में टाउनहाल परिसर स्थित तिलकहाल में नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. गजेंद्र सिंह के साथ डेयरी संचालकों की बैठक हुई। जिसमें डेयरी संचालकों के सामने चयनित स्थल ग्राम काशी व गांवड़ी में गोबर डंप करने का प्रस्ताव रखा गया। कहा कि डेयरी संचालक अपने वाहनों से खुद चयनित स्थलों पर गोबर पहुंचाएंगे। नाला-नाली में गोबर नहीं बहाएंगे। इस प्रस्ताव पर डेयरी संचालकों ने लगभग सहमति दे दी है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि गोबर डंप करेंगे। इससे वर्मी कंपोस्ट तैयार कराएंगे और भविष्य में बायो मीथेन गैस प्लांट भी लगाया जा सकता है। बैठक में कुछ डेयरी संचालकों ने कुछ दर निर्धारित कर गोबर कलेक्शन का काम निगम को खुद करने का सुझाव भी दिया। बैठक में नगर आयुक्त मनीष बंसल नहीं पहुंच सके थे। जिसके चलते अभी एक और बैठक डेयरी संचालकों के साथ की जाएगी। डेयरी संचालकों में महेंद्र उपाध्याय, संजीव कुमार आहूजा, मुकुल गुप्ता, लव त्यागी समेत करीब 60 डेयरी संचालक मौजूद रहे। जबकि निगम से रविशेखर समेत लगभग सभी सफाई एवं खाद्य निरीक्षक मौजूद रहे।