गोमुख से गंगाजल लेकर निकले 66.50 लाख शिवभक्त पश्चिमी यूपी की सड़कें हुईं भगवा
हरिद्वार कंट्रोल रूम से मिले आंकड़ों की बात करें तो 27 जुलाई से बुधवार देर रात तक हरिद्वार व गोमुख से करीब 66.50 लाख कांवडि़एं गंगाजल लेकर निकल चुके हैं।
मेरठ (जेएनएन)। भोले बाबा को प्रसन्न करने के लिए 66.50 लाख कांवडिय़ा देवभूमि से गंगाजल लेकर गंतव्यों के लिए रवाना हो गए हैं। गुरुवार देर शाम से पश्चिम की सड़कों पर उप्र, हरियाणा और राजस्थान की विभिन्न संस्कृतियों का संगम होने जा रहा है। कांवडिय़ों के जत्थों को लेकर पुलिस-प्रशासन भी अलर्ट है।
इस बार महाशिवरात्रि नौ अगस्त को है। शिवभक्त 25 जुलाई से गोमुख और 27 जुलाई से हरिद्वार पहुंचने शुरू हो गए थे। हरिद्वार कंट्रोल रूम से मिले आंकड़ों की बात करें तो 27 जुलाई से बुधवार देर रात तक हरिद्वार व गोमुख से करीब 66.50 लाख कांवडि़एं गंगाजल लेकर निकल चुके हैं।
कांवडिय़ों की संख्या को देखते हुए पश्चिमी उप्र के तमाम जिलों का पुलिस-प्रशासन एक्टिव मोड़ में आ गया। गुरुवार शाम तक यह जत्थे जैसे ही मुजफ्फरनगर में प्रवेश करेंगे तो सड़कें भगवा रंग में रंग जाएगी। आइजी रामकुमार ने बताया कि कांवड़ यात्रा की पूरी तैयारी की जा चुकी है। सभी जिलों की पुलिस को निर्देशित किया गया है कि वह अपने-अपने इलाकों में सतर्कता बरतें।
यहां से हो जाएंगे अलग-अलग
हरिद्वार से चलकर रुड़की होते हुए कांवडि़एं मुजफ्फरनगर पहुंचेंगे और यहां से अलग-अलग राह पर रवाना होंगे। हरियाणा की ओर जाने वाले कांवडि़एं मुजफ्फरनगर से बुढ़ाना मार्ग होते हुए बड़ौत पहुंचेंगे। यहां से वाया गौरीपुर मोड़ होते हुए यमुना पार कर हरियाणा में दाखिल हो जाएंगे। राजस्थान के भी कुछ कांवडि़एं इस रूट का प्रयोग करते हैं।
लेकिन ज्यादातर कांवडि़एं मुजफ्फरनगर से खतौली पहुंचेंगे और वहां से कांवड़ पटरी मार्ग होते हुए गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर व दिल्ली से राजस्थान जाएंगे। इसी तरह दिल्ली जाने वाले कांवडि़एं भी कांवड़ पटरी मार्ग, एनएच-58 से गुजरेंगे। गढ़मुक्तेश्वर जाने के लिए मध्य गंगनहर पटरी से होते हुए कांवडिय़ें शाहजहांपुर पहुंचेंगे और यहां से गढ़ की ओर निकल जाएंगे। बुलंदशहर वाले मध्य गंगनहर की पटरी से भी जा सकते हैं और एनएच-235 से भी।