'जिपं में भाजपा को नहीं दिया वोट, इसलिए तोड़ रहे कांपलेक्स'
मेरठ : जिला पंचायत अध्यक्ष के उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी को वोट न देने पर सियासी दुश्मनी निकाल
मेरठ : जिला पंचायत अध्यक्ष के उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी को वोट न देने पर सियासी दुश्मनी निकाली जा रही है। मुझे भाजपाइयों ने वोट न देने पर आर्थिक क्षति की भी धमकी दी थी। इसी के तहत शुक्रवार को एमडीए टीम ध्वस्तीकरण को पहुंची। ये बातें पूर्व कैबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर ने कहीं।
मैं अकेला मालिक नहीं, जमीन भी वैध
शाहिद मंजूर ने दस्तावेज पेश करते हुए कहा कि मैं काम्पलेक्स का अकेला मालिक नहीं। चार प्लॉटों पर इमारत बनायी गई है। हर प्लॉट का भू-स्वामी अलग-अलग है। जमीन हमारी है और निर्माण भी हमने किया है। ऐसे में निर्माण को अवैध कैसे बताया जा सकता है। व्यावसायिक बिल्डिंग के लिए एमडीए से अलग-अलग नक्शे पास कराए गए हैं। इनमें तीन नक्शे 2014 में और एक नक्शा 2016 में पास कराया गया। सभी ने बाहर से एक सा स्वरूप देते हुए पांच दुकानें बनाई, जो हर भू-स्वामी की एक-एक हैं। चार अलग-अलग बिल्डिंग की जगह स्वरूप अच्छा दिखे और निर्माण लागत कम हो इसलिए एक सा स्वरूप दिया गया।
एमडीए ने नहीं दिया कोई नोटिस
उन्होंने एमडीए अफसरों को घेरा। बोले, एमडीए ने कोई नोटिस नहीं दिया। जबकि चार महीने पहले हमने ही कंपाउंडिंग करने, अवैध निर्माण खुद तोड़ने की दरख्वास्त दी थी। कहा कि कंपाउंडिंग के लिए पांच लाख के ड्राफ्ट भी जमा किए गए। अखबारों से पता चला कि ऊपरी तल शमन योग्य नहीं है, अफसरों ने हमें नहीं बताया। जानकारी पर हमने खुद अवैध निर्माण तोड़ने का प्रार्थना-पत्र भी दिया। उन्होंने कहा कि जब अवैध निर्माण हो रहा था तब इसे क्यों नहीं रोका गया? नियम के अनुसार तत्कालीन एमडीए अफसर व कर्मी भी दोषी हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि व्यापार करना अपराध नहीं है, जानबूझकर परेशान किया जा रहा है। बिल्डर दीपक कामरां समेत प्लॉट भू-स्वामी मौजूद रहे।