शामली जिला पंचायत अध्यक्ष: राजनीतिक कौशल से मोहित ने बिछाई जीत की बिसात, 13 सीटों पर भाजपा विजयी
राजनीतिक विरोधियों शिकस्त देने वाले भाजपा के पश्चिम उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनीवाल शामली जनपद के खेडा गदई गांव के रहने वाले हैं। इसलिए शामली की जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट जीतना उनके लिए प्रतिष्ठा का विषय भी थी और राजनीतिक परीक्षा भी।
शामली, जागरण संवाददाता। पश्चिम उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष की 14 में से 13 सीट जीतने के लिए मोहित बेनीवाल ने अपने राजनीतिक कौशल की बिसात बिछाई थी। राजनीतिक विरोधियों शिकस्त देने वाले भाजपा के पश्चिम उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनीवाल शामली जनपद के खेडा गदई गांव के रहने वाले हैं। इसलिए शामली की जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट जीतना उनके लिए प्रतिष्ठा का विषय भी थी और राजनीतिक परीक्षा भी। इसमें वह पार्टी की नजरों में खरे उतरे हैं। शामली में तीन बजे मतगणना हुई तो भाजपा प्रत्याशी मधु को 10 वोट के साथ विजयी घोषित कर दिया गया। वहीं विपक्षी गठबंधन प्रत्याशी अंजलि को नौ मत हासिल हुए। सभी 19 जिला पंचायत सदस्यों ने मताधिकार का प्रयोग किया। घोषणा होने पर गन्ना मंत्री सुरेश राण, पूर्व मंत्री वीरेंद्र सिंह और सांसद प्रदीप चौधरी कलक्ट्रेट पहुंचे।
ऐसा रहा सफर
राजनीति की सीढिय़ा चढ़ रहे मोहित बेनीवाल मूल रूप से आइआइटीयन हैं। वह 2010 में भाजपा में सक्रिय हुए और 2014 में उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा की आइआइटी टीम में काम किया। 2017 में वह भाजपा के क्षेत्रीय मंत्री बने तथा पिछले साल उन्हें पश्चिम उत्तर प्रदेश का क्षेत्रीय अध्यक्ष बनाया गया। जिला पंचायत के 19 सदस्यों वाले जिले में जीतने वाले भाजपा के जिला पंचायत सदस्यों की संख्या केवल चार थी। जीत के लिए भाजपा को दस वोट चाहिए थे जबकि विपक्ष सपा-रालोद के पास सात सदस्य पहले से ही थे।
पदाधिकारियों की बैठक
एक सदस्य ने चुनाव के बाद रालोद की सदस्यता ले ली थी। इससे भाजपा के आला पदाधिकारियों की परेशानियां बढ़ गई थी। जीत का आकंड़ा लगातार मुश्किल होता जा रहा था। इसी दौरान भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष पार्टी के जिला पंचायत अध्यक्ष पद के उम्मीदवार का नामांकन कराने शामली पहुंचे। इसी दौरान उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों की बैठक ली और जीत के लिए जरूरी बहुमत जुटाने की सटीक कार्य योजना बनाई। शनिवार को चुनाव परिणाम के बाद काटें के मुकाबले में भाजपा उम्मीदवार ने जीत दर्ज की। हालांकि विपक्ष ने भाजपा पर सत्ता के दुरुपयोग के आरोप भी लगाए, लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में परिणाम के बाद सत्ता पक्ष पर आरोपों की परंपरा पुरानी है।
हासिल किया मुश्किल लक्ष्य : राणा
जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव परिणाम को पार्टी के पक्ष में करने के लिए कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा को भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। चार सदस्यों की संख्या से शुरू हुई कवायद को दस वोट जुटाने में मंत्री को भी लक्ष्य आसानी से नहीं मिला। कैबिनेट मंत्री का कहना है कि यह मुश्किल लक्ष्य था, लेकिन पार्टी ने जिस उम्मीद से जिम्मेदारी सौंपी थी, उन्होंने पार्टी की अपेक्षाओं को यथार्थ में बदला है।