गंभीर आरोप: ट्रेजरी में रिश्वत मांगने पर बैठी जांच, पीड़िता ने सीएम से की थी शिकायत
ट्रेजरी में पेंशन खाता ट्रांसफर करने के लिए अधिकारी द्वारा पांच हजार रुपये रिश्वत मांगने की सीएम से ट्विटर पर शिकायत का मामला गंभीर हो गया है। डीएम के बालाजी ने इसकी जांच एडीएम वित्त सुभाषचंद्र प्रजापति को यह जांच सौंपी है।
मेरठ, जेएनएन। ट्रेजरी में पेंशन खाता ट्रांसफर करने के लिए अधिकारी द्वारा पांच हजार रुपये रिश्वत मांगने की सीएम से ट्विटर पर शिकायत का मामला गंभीर हो गया है। डीएम के बालाजी ने इसकी जांच एडीएम वित्त सुभाषचंद्र प्रजापति को यह जांच सौंपी है। डीएम के आदेश पर एडीएम वित्त सुभाषचंद्र प्रजापति ने ट्रेजरी पहुंचकर इसकी पत्रवली की जांच की। उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग में हापुड़ से सेवानिवृत हुए वीरेंद्र सिंह रावत का परिवार जाग्रति विहार में रहता है। 19 अप्रैल को वीरेंद्र सिंह रावत की मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद उनकी पत्नी सुशीला रावत ने 25 मई को ट्रेजरी पहुंचकर पेंशन को अपने खाते में ट्रांसफर करने का प्रार्थना-पत्र दिया था। उसी दिन स्वीकृत करके सभी कार्यवाही पूरी कर दी गई थी। बताया कि पीड़िता के परिजनों से फोन पर बात करके उन्हें रिश्वत मांगने वाले व्यक्ति की पहचान के लिए शुक्रवार को ट्रेजरी कार्यालय बुलाया गया है।
वृद्धा को परेशान नहीं किया
मुख्य कोषाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि उनसे किसी ने इस संबंध में शिकायत नहीं की। ट्विटर पर शिकायत के बाद जांच की गई तो पता चला कि महिला ने 25 मई को प्रार्थना-पत्र दिया था। उसकी मदद करते हुए एक दिन में ही सारा काम पूरा कर दिया गया था। फिर भी वह सभी कर्मचारी-अधिकारियों की पेशी कराने को भी तैयार हैं।
नहीं दी समय से सूचना
जांचकर्ता एडीएम वित्त ने बताया कि पेंशन धारक की मृत्यु की सूचना परिवार वालों ने समय से नहीं दी। इससे अप्रैल महीने की पूरी पेंशन राशि मृतक के खाते में चली गई। यह गलत है। मृतक के नाम से केवल 19 अप्रैल तक की ही पेंशन बनाई जानी थी। बाकी दिनों की पारिवारिक पेंशन मृतक की पत्नी के खाते में भेजी जानी थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सेवानिवृत कर्मचारी को जीवित रहने तक पेंशन मिलती है।