कहां फंसी रह गई पेंशन...अम्माजी को हो रही टेंशन
जिले की 25 हजार निराश्रित महिलाओं को पिछले छह माह से पेंशन नहीं मिली है। बुजुर्ग महिलाएं दफ्तरों के चक्कर काटने का मजबूर हैं।
मेरठ (राजेंद्र शर्मा)। पति के बिछोह ने पहले ही मुसीबतों के पहाड़ खड़े कर दिए थे। अब सरकार उनके जले पर नमक भी छिड़क रही है। पेंशन के 500 रुपये से कुछ तो गुजारा होता ही था लेकिन साढ़े पांच माह से इस मद में एक धेला न मिला हो तो उनकी मुसीबत की सिर्फ कल्पना ही की जा सकती है। जिले की 25 हजार निराश्रित महिलाओं को पेंशन न मिलने से तो सभी वाकिफ हैं लेकिन शायद उनके दर्द से कोई वाकिफ नहीं। हाल यह है कि सिर्फ 500 रुपये की पेंशन के लिए उन्हें सौ दिन से ज्यादा इंतजार करना पड़ रहा है।
ऐसे मिलती है पेंशन
प्रदेश सरकार की योजना के तहत पति के निधन के बाद मेरठ समेत प्रदेश के सभी 75 जिलों की निराश्रित महिलाओं को प्रतिमाह पांच सौ रुपये पेंशन प्रदान की जाती है। कलक्ट्रेट परिसर स्थित जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय के माध्यम से इनके पेंशन फार्म भरे जाते हैं। सत्यापन आदि की कार्यवाही पूरी होने के बाद पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है।
साल में चार बार भुगतान
पांच सौ रुपये प्रतिमाह यह पेंशन दी जाती है। सालभर में चार बार में इसका भुगतान किया जाता है। वर्ष-2017 में जिले की 19,742 महिलाओं को पेंशन प्रदान की गई थी। मार्च-17 में पेंशन की अंतिम किश्त दी गई थी। वर्तमान में सत्यापन आदि की प्रक्रिया के बाद 25 हजार से अधिक महिलाओं को पेंशन दी जानी है। नए वित्तीय वर्ष-18 में अप्रैल से जून तक की पेंशन जून माह में मिल जानी चाहिए थी, लेकिन अभी तक नहीं मिल सकी है। सितंबर माह में दूसरी किश्त मिलनी चाहिए थी। इस तरह पांच सौ रुपये पेंशन पाने के लिए इन महिलाओं का इंतजार सौ दिन से ज्यादा का हो गया है। पेंशन न मिलने का कारण बजट का संकट बताया जा रहा है।
बैंक से डीपीओ दफ्तर तक काट रहीं चक्कर
पेंशन की जानकारी के लिए महिलाएं बैंक से लेकर जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय तक चक्कर काट रहीं हैं। दोनों जगह उन्हें एक ही जवाब मिलता है कि-अभी पेंशन नहीं आई है। क्यों नहीं आई और कब तक आएगी? इसका जवाब किसी के पास नहीं है। साढ़े पांच माह से पेंशन न मिलने के कारण पात्र महिलाओं के समक्ष गुजारे का संकट खड़ा हो गया है।
इन्होंने कहा
मेरठ ही नहीं प्रदेश के अन्य जिलों में भी अभी निराश्रित महिलाओं को पेंशन का भुगतान नहीं हुआ है। उम्मीद है कि जल्दी ही पेंशन की किश्त मिलते ही रकम सभी महिलाओं के बैंक खातों में चली जाएगी। जिले में अब पेंशन के लिए करीब 25 हजार महिलाओं के सत्यापन आदि की कार्यवाही पूरी हो चुकी है।
श्रवण कुमार गुप्ता, डीपीओ मेरठ