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अवैध किताबों का कारोबार : पांच साल में इतना बड़ा साम्राज्‍य, संजीव व सचिन की संपत्ति का ब्योरा तहसील से तलब Meerut News

करोड़ों रुपये मूल्य की अवैध किताब छापने के प्रकरण में तहसील नगर निगम और एमडीए को पत्र लिखकर संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता की संपत्ति का ब्योरा मांगा गया है।

By Prem BhattEdited By: Published: Fri, 04 Sep 2020 11:46 AM (IST)Updated: Fri, 04 Sep 2020 11:46 AM (IST)
अवैध किताबों का कारोबार : पांच साल में इतना बड़ा साम्राज्‍य, संजीव व सचिन की संपत्ति का ब्योरा तहसील से तलब Meerut News
अवैध किताबों का कारोबार : पांच साल में इतना बड़ा साम्राज्‍य, संजीव व सचिन की संपत्ति का ब्योरा तहसील से तलब Meerut News

मेरठ, जेएनएन। करोड़ों रुपये मूल्य की अवैध किताब छापने के प्रकरण में तहसील, नगर निगम और एमडीए को पत्र लिखकर संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता की संपत्ति का ब्योरा मांगा गया है। पड़ताल की जा रही है कि पांच साल में दोनों ने करोड़ों की कमाई से बड़ा साम्राज्य कैसे खड़ा कर लिया है। उनके इस धंधे के पीछे किसका हाथ है। पुलिस पूरे मामले की तह तक जाने में जुटी हुई है।

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बेनामी संपत्ति की भी जांच

माना जा रहा है कि हाल में भी सचिन गुप्ता ने नौ लाख की पिस्टल खरीदी थी। सुशांत सिटी में भी बड़ी रकम लगाकर मकान तैयार किया है। पुलिस दोनों लोगों की नामी और बेनामी संपत्ति की भी जांच कर रही है। दोनों की गिरफ्तारी से उठेगा राज से पर्दा : संजीव और सचिन गुप्ता की गिरफ्तारी के बाद ही पूरी हकीकत से पर्दा हटेगा।

ये बड़े सवाल

उनसे पूछताछ के बाद ही पता चल सकेगा कि कब से इस अवैध छपाई का कारोबार चल रहा था। कागज कहां से लाया जा रहा था। अब तक कितने लोगों को कितने करोड़ की किताब सप्लाई कर चुके हैं। एनसीईआरटी की अवैध किताबों के धंधे में उनका सहयोग विभाग के कौन लोग दे रहे थे? क्योंकि पुलिस मान कर चल रही है कि इस काले कारोबार में एनसीईआरटी के कर्मचारियों का जुड़ाव हो सकता है।

इनका कहना है

संजीव और सचिन समेत चार आरोपितों की गिरफ्तारी को टीम लगी हुई है। दोनों अभी फरार चल रहे है। गैर जमानती वारंट के बाद उनकी संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई पुलिस कर रही है। जल्द ही दोनों के घर पर नोटिस चस्पा कर दिया जाएगा।

- अजय साहनी, एसएसपी


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