मेरठ में एक अप्रैल से शुरू होगी गायब तालाबों की तलाश, खर्च होगा ढाई करोड़ का बजट
वर्षाजल संचयन के लिए एक बार फिर जनपद में गायब तालाबों की तलाश और उनके जीर्णोद्वार के लिए अभियान शुरू किया जाएगा। मनरेगा योजना के तहत तालाबों की स्थिति में सुधार होगा। ढ़ाई करोड़ रुपये का बजट फिलहाल तालाबों की दशा सुधारने के लिए निर्धारित किया गया है।
मेरठ, जेएनएन। वर्षाजल संचयन के लिए एक बार फिर जनपद में गायब तालाबों की तलाश और उनके जीर्णोद्वार के लिए अभियान शुरू किया जाएगा। मनरेगा योजना के तहत तालाबों की स्थिति में सुधार होगा। ढ़ाई करोड़ रुपये का बजट फिलहाल तालाबों की दशा सुधारने के लिए निर्धारित किया गया है। गांवों में तालाबों को चयनित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
अनदेखी के कारण धरातल से पूरी तरह से गायब और गायब होने के कगार पर पहुंच चुके तालाबों को बचाने के लिए जनपद में बड़े स्तर पर अभियान शुरू किया जाएगा। अभियान के दौरान जहां गायब हो चुके तालाबों की तलाश शुरू की जाएगी। वहीं बेहद खराब स्थिति में पहुंच चुके तालाबों की सूरत बदली जाएगी। अभियान एक अप्रैल से शुरू होगा। अभियान शुरू करने से पहले गांव-गांव में तालाबों के लेकर सर्वे कराया जा रहा है और रिपोर्ट तैयार की जा रही है। शासन के आदेशों के अनुसार इस बार बरसात से पहले हर हाल में गांवों में तालाबों की दशा सुधार कर यहां बरसात का जल संचित किया जाएगा और वर्ष भर तालाब लबालब रहे, इसके प्रबंध भी किए जाएंगे। मनरेगा योजना के तहत तालाबों की दशा सुधारने पर ढ़ाई करोड़ का बजट खर्च किया जाएगा।
गायब हो चुके हैं एक हजार तालाब
जनपद में गांव और शहरी क्षेत्र से करीब एक हजार तालाबों का अस्तित्व मिट चुका है। गांवों में तालाब की जमीन पर कब्जा कर जहां लोग खेती कर रहे हैं, वहीं शहरी क्षेत्र में तालाबों की जमीन पर आवासीय भवन के साथ दुकान बना दी गई है। सरकारी रिकार्ड के मुताबिक तालाबों के रूप में 1100 हेक्टेयर भूमि पर कब्जा किया जा चुका है।
होगी जन सहभागिता
जल संचय करने के लिए अभियान के दौरान आमजन को भी जोड़ा जाएगा और बरसात के जय संचय के लिए तालाबों के महत्व को समझाया जाएगा। इसके लिए गांव-गांव में जागरूकता कार्यक्रमों का विभिन्न माध्यमों से आयोजन भी किया जाएगा।
सीडीओ शशांक चौधरी ने बताया कि जनपद में तालाबों की साफ-सफाई और कब्जा मुक्ति के लिए एक अप्रैल से अभियान शुरू किया जाएगा। बरसात से पहले तालाबों की दशा सुधार कर उन्हें जल संचय के काबिल बनाया जाएगा।