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School News: आधे छात्रों के साथ चलेंगी नौवीं से 12वीं तक की कक्षाएं, बिंदुआर जानें दिशा निर्देश

Meerut जिलाधिकारी के. बालाजी ने शुक्रवार को कक्षा नौवीं से 12वीं तक की कक्षाएं स्कूलों में यथावत संचालित किए जाने का आदेश जारी कर दिया है। उन्होंने केवल 50 फीसद छात्रों को ही बुलाए जाने की अनुमति प्रदान की है।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 11:37 AM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 11:37 AM (IST)
School News: आधे छात्रों के साथ चलेंगी नौवीं से 12वीं तक की कक्षाएं, बिंदुआर जानें दिशा निर्देश
मेरठ में जारी हुआ स्‍कूलों के लिए दिशा निर्देश।

मेरठ, जेएनएन। Meerut जिलाधिकारी के. बालाजी ने शुक्रवार को कक्षा नौवीं से 12वीं तक की कक्षाएं स्कूलों में यथावत संचालित किए जाने का आदेश जारी कर दिया है। इसमें उन्होंने एसओपी का कड़ाई से अनुपालन करने के साथ ही हर कक्षा के एक दिन में केवल 50 फीसद छात्रों को ही बुलाए जाने की अनुमति प्रदान की है। डीएम के अनुसार यह व्यवस्था अगले आदेश तक कक्षा नौ एवं इससे ऊपर के सभी सरकारी, गैर सरकारी, निजी विद्यालयों के साथ ही प्रबंधकीय विद्यालय, महाविद्यालय, शैक्षणिक संस्थान एवं कोचिंग संस्थान पर लागू रहेगा। डीएम ने लापरवाही करने पर महामारी अधिनियम के तहत दंडात्मक कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।

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बच्‍चों के स्‍वास्‍थ्‍य और भविष्‍य को लेकर चिंता

मेरठ सहोदय स्कूल काम्प्लेक्स सचिव राहुल केसरवानी- इस व्यवस्था के अंतर्गत स्कूल अपनी सहुलियत के अनुसार आनलाइन व आफलाइन क्लास चलाते रहेंगे जिससे किसी भी बच्चे का पढ़ाई का नुकसान न हो।

फूलबाग कालोनी राजीव प्रभाकर- जान है तो जहान है। जब कोरोना लगातार बढ़ ही रहा है तो बच्चों को घर से ही पढ़ाना उचित होगा। स्कूलों को बंद रखने से कुछ तो बाहर भीड़ कम होगी।

दिल्ली रोड नरेंद्र कुमार- इतनी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में स्कूल पहुंचकर भी बच्चों के मन में कोरोना ही घूमता होगा। बच्चे जब तक स्वच्छंद माहौल में नहीं पढ़ेंगे उन्हें कम समझ आएगा। कुछ समय स्कूल बंद कर घर से पढ़ा सकते हैं जिससे बड़ों की तरह बच्चों को भी जान हथेली पर रखकर घर से न निकलना पड़े।

बीडीएस इंटरनेशनल स्कूल प्रिंसिपल गोपाल दीक्षित- जो बच्चे अस्वस्थ हैं या स्कूल आने में असक्षम हैं उन्हें साथ-साथ आनलाइन क्लास भी मुहैया कराई जाएगी जिससे स्कूल आकर पढ़ने वाले बच्चों से वह पीछे न रह जाए।

बीआइटी ग्लोबल स्कूल वाइस प्रिंसिपल रूपल रस्तोगी- आनलाइ व आफलाइन के लिए अलग टाइम-टेबल नहीं बनाया है। जिन बच्चों के अभिभावकों ने सहमति नहीं प्रदान की है उन्हें क्लासरूम टीचिंग को ही आनलाइन दिखाया व पढ़ाया जा रहा है।

स्कूलों के लिए ये हैं दिशा-निर्देश

  • एक दिन में एक कक्षा में 50 फीसद छात्र आएंगे। आधे दूसरे दिन आएंगे।
  • एसओपी का कड़ाई से अनुपालन करते हुए छात्रों की पढ़ाई करानी होगी।
  • छात्रों को हैंडवाश और सैनिटाइज कराने के बाद ही स्कूल में प्रवेश देंगे।
  • थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य रूप से करें।
  • स्कूल में सभी के लिए मास्क अनिवार्य हो। सीसीटीवी से करें मानीटरिंग।
  • शिक्षक, कर्मचारी, छात्र सभी कम से कम एक लीटर पानी अपने साथ लाएं।
  • भीड़ लगने वाली जगहों पर पैर से संचालित सैनिटाइजर मशीन लगाएं।
  • सभी वाशबेसिन के पास साबुन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
  • साबुन व सैनिटाइजर बदला जाए।
  • हर जगह हर रोज सभी मानदंडों को याद दिलाने के संकेतक लगाए जाएं।
  • कैंटीन न चलाएं। बच्चों को टिफिन लाने को कहें। एक-दूसरे से साझा न करें।
  • स्कूल खुलने व छुट्टी के समय शारीरिक दूरी का अनुपालन सुनिश्चित हो।
  • कोई छात्र या कर्मचारी अस्वस्थ हो तो परिसर में प्रवेश न दें।
  • छात्रों को एकत्र करने वाली किसी भी गतिविधि के आयोजन से बचें।
  • कोविड बचाव से संबंधित वीडियो अभिभावकों से साझा करें।
  • स्कूल में हर दिन क्लासरूम को सैनिटाइज किया जाए।
  • संक्रमित शिक्षकों, कर्मियों, छात्रों की सूचना दैनिक सूचना में जरूर दें।
  • सभी शिक्षकों, कर्मियों, विद्यार्थियों को स्कूल में मास्क पहनना अनिवार्य होगा।

कक्षा संचालन के लिए दिशा-निर्देश

  • छात्रों को छह फीट की दूरी पर बिठाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
  • छात्रों को आपस में भोजन, पानी, किताबें, पेन, पेंसिल आदि लेन-देन न करने दें।
  • हर छात्र की सीट निर्धारित कर दें और सीट बदलने की अनुमति न दें।

शिक्षकों के लिए यह है दिशा निर्देश

  • 45 साल से ऊपर के सभी कर्मचारी और शिक्षक अविलंब टीकाकरण कराएं।
  • सामाजिक जागरूकता के लिए टीकाकरण की तस्वीरें इंटरनेट मीडिया पर जरूर साझा करें।
  • कोविड नियमों का पालन करें और दूसरों को भी जागरूक करते रहें।

परिवहन के लिए दिशा निर्देश

  • यदि छात्र स्कूल बस या संलग्न वाहन से आएं तो हर दिन सैनिटाइजेशन और शारीरिक दूरी का पालन करें।
  • बस में छात्रों व स्टाफ का हाथ सैनिटाइज कराएं और रेलिंग और सीटों को कम से कम छूने को प्रेरित करें।
  • हर वाहन में थर्मल स्कैनर होना चाहिए।
  • अस्वस्थ छात्र या स्टाफ को बस में न चढ़ने दें।
  • वाहन की दिन में दो बार सफाई कराएं।
  • ड्राइवर व कंडक्टर की हर दिन थर्मल स्कैनिंग की जाए।

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