Scam Of 100 Crore: चार वर्ष में 100 करोड़ के घोटाले की जांच करने मुजफ्फरनगर पहुंची SIT
Scam Of 100 Crore छात्रवृत्ति शुल्क प्रतिपूर्ति सहित विभिन्न योजनाओं में चार वर्ष के दौरान किए गए करीब 100 करोड़ के वित्तीय घोटाले की जांच के लिए लखनऊ से जिला समाज कल्याण विभाग पहुंची एसआइटी ने पुराना रिकार्ड खंगाला।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। Scam Of 100 Crore: छात्रवृत्ति, शुल्क प्रतिपूर्ति सहित विभिन्न योजनाओं में चार वर्ष के दौरान किए गए करीब 100 करोड़ के वित्तीय घोटाले की जांच के लिए लखनऊ से जिला समाज कल्याण विभाग पहुंची एसआइटी ने पुराना रिकार्ड खंगाला। टीम ने चार वर्ष के दौरान शासन से किए गए भुगतान और विभिन्न मदों में उनकी पूर्ति का ब्योरा तलब किया। साथ ही विभिन्न बैंकों में जाकर समाज कल्याण विभाग अधिकारी के पदनाम से खोले गए खातों की भी जांच की।
करीब 13 वर्ष पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी के पद पर तैनात किए गए रिंकू राही को प्रशिक्षण के लिए कोषाधिकारी कार्यालय भेजा गया था। जहां उन्हें समाज कल्याण विभाग में छात्रवृत्ति, शुल्क प्रतिपूर्ति सहित विभिन्न योजनाओं के लिए आवंटित होने वाले रुपयों में घोटाले का राजफाश किया था। घोटाले में कई विभागीय कर्मी और राजनेताओं पर शक की सुई घूम गई।
वह घोटाला खोलने ही वाले ही थे कि 26 मार्च 2009 को पूर्व प्लानिंग आफिस स्थित आफिसर्स कालोनी में उन पर जानलेवा हमला हुआ था। उन्हें कई गोलियां लगी थी। उनके भाई दिनेश राही ने कई अज्ञात हमलावरों पर मुकदमा दर्ज कराया था। 2012 में जिला समाज कल्याण विभाग में एक और घोटाला उजागर हुआ, जिसमें विभाग में तैनात लिपिक अनिल वर्मा पर विभिन्न बैंकों में जिला समाज कल्याण अधिकारी के पदनाम से फर्जी खाते खोलकर करोड़ों रुपये की बंदरबांट करने का आरोप लगा।
इस मामले में थाना सिविल लाइन में अनिल वर्मा सहित कई अन्य पर 13 मुकदमे दर्ज कराए गए। 2020 में सभी मुकदमों की विवेचना एसआइटी लखनऊ को सौंपी गई। 2011 बैच के आइपीएस एवं एसआइटी लखनऊ के एसपी देवरंजन वर्मा ने शुक्रवार को टीम के साथ जिला समाज कल्याण विभाग पहुंचकर घोटाले की विवेचना प्रारंभ की। टीम ने घोटाले के संबंधित दस्तावेज तलब किए और विभिन्न बैंकों की शाखाओं में जाकर खातों की जांच की।