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साइकिल से करती हैं सेहत की सवारी, हल्‍के फुल्‍के व्‍यायाम से खुद को रखती हैं फिट Meerut News

होमियोपैथी की डा. संजोली अग्रवाल कहती हैं कि अगर बहुत अधिक व्‍यायाम करने की आदत नहीं है तो सुबह अगर कुछ देर के लिए साइकिल उठाकर चलाई जाए तो उससे भी सेहत को सही रखा जा सकता है। साथ ही हल्‍के फुल्‍के व्‍यायाम भी करना आवश्‍यक है।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Sun, 14 Feb 2021 09:00 AM (IST)Updated: Sun, 14 Feb 2021 09:00 AM (IST)
साइकिल से करती हैं सेहत की सवारी, हल्‍के फुल्‍के व्‍यायाम से खुद को रखती हैं फिट Meerut News
मेरठ की होमियोपैथी की डा. संजोली अग्रवाल।

[विवेक राव] मेरठ। असंतुलित भोजन, मिर्च मसाले का अधिक सेवन, देर रात भोजन करने से लेकर अनावश्‍यक चिंता, तनाव, भय और क्रोध करने से न चाहते हुए हम खुद को बीमार कर लेते हैं। फिर एक बार बीमार होने के बाद जब डाक्‍टर की दौड़ शुरू हो जाती है। कोविड के बाद लोग अपने सेहत को लेकर जागरूक हुए हैं, हालांकि एक बार फिर से लोगों की दिनचर्या पटरी से उतरने लगी है। होमियोपैथी की डा. संजोली अग्रवाल कहती हैं कि अगर बहुत अधिक व्‍यायाम करने की आदत नहीं है तो सुबह अगर कुछ देर के लिए साइकिल उठाकर चलाई जाए तो उससे भी सेहत को सही रखा जा सकता है। वह खुद भी हर रोज कुछ समय साइकिल की सवारी जरूर करती हैं।

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सुबह छह बजे उठ जाती हैं संजोली

डा. संजोली सुबह छह बजे बिस्‍तर छोड़ देती हैं। सुबह उठने के बाद वह आधे घंटे तक साइकिल चलाती हैं। उसके बाद 15 से 20 मिनट तक सूर्य नमस्‍कार करती हैं। फिर कुछ हल्‍के फुल्‍के व्‍यायाम भी करती हैं। वह बताती हैं कि आजकल भौतिकता के युग में तनाव न चाहते हुए भी हम तनावग्रस्‍त हो जाते हैं। नियमित व्‍यायाम करने से पर्सनल और प्रोफेशनल दोनो तरीके की समस्‍याओं को बेहतर तरीके से संभालने की शक्‍ति मिल जाती है। नियमित व्‍यायाम और साइकिल चलाने से रक्‍तचाप, मानसिक तनाव जैसी समस्‍या से पूरी तरह से मुक्‍त रहती हैं। वह कहती हैं कि कितनी भी जल्‍दी हो 24 घंटे में कम से कम 30 मिनट स्‍वयं को देना चाहिए, इस दौरान योग, व्‍यायाम, साइक्‍लिंग कुछ भी करना चाहिए। ऐसा करने से एक सप्‍ताह में ही फर्क नजर आने लगता है।

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एक साइकिल चलाकर हम अपनी मांसपेशियों को मजबूत रख पाते हैं। वजन को भी पूरी तरह से नियंत्रित कर पाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि साइकिल दिल को सेहतमंद और सुरक्षित रखने में भी सहायक होती है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाने में मदद करता है। यही नहीं याददाश्‍त को बढ़ाने में साइकिल चलाने से लाभ मिलता है। साथ ही रात में अच्‍छी नींद लाने में भी साइकिल उपयोगी होती है। 


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