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लापरवाही : मेरठ में VIP वार्ड तक सिमट कर रह गया है सैनिटाइजेशन Meerut News

कोरोना महामारी के संक्रमण के रोकथाम के लिए भले ही जनपद की सीमा पर चौकसी बरती जा रही हो लेकिन संक्रमण मेरठ शहर के अंदर न फैले। इसके लिए सैनिटाइजेशन में घोर लापरवाही बरती जा रही है ।

By Taruna TayalEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 11:45 AM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 11:45 AM (IST)
लापरवाही : मेरठ में VIP वार्ड तक सिमट कर रह गया है सैनिटाइजेशन Meerut News
मेरठ में कोरोना से बचने को सैनिटाइजेशन।

मेरठ, जेएनएन। कोरोना महामारी के संक्रमण के रोकथाम के लिए भले ही जनपद की सीमा पर चौकसी बरती जा रही हो, लेकिन संक्रमण शहर के अंदर न फैले। इसके लिए सैनिटाइजेशन में घोर लापरवाही बरती जा रही है। सैनिटाइजेशन का अभियान केवल वीआईपी वार्ड सिविल लाइंस में सिमट कर रह गया है।

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यह है मामला 

सैनिटाइजेशन का काम नगर निगम और मलेरिया विभाग के जिम्मे है। शहर में 90 वार्ड हैं। लेकिन नगर निगम की सैनिटाइजेशन टीम सिविल लाइंस में ही नजर आती है। अफसरों के बंगले, सर्किट हाउस और सरकारी कार्यालयो में प्रतिदिन टैंकर सुबह सैनिटाइजेशन करने पहुंच जाते हैं। इसके पीछे यह तर्क दिया जाता है कि इन स्थानों पर लोगों की आवाजाही बहुत है। लेकिन संक्रमण का खतरा तो सब जगह है। एक नियमित अंतराल में सैनिटाइजेशन किया जाना चाहिए। लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है। स्थिति यह है कि जिन स्थानों से कोरोना के मरीज सामने आ रहे हैं, वहां सैनिटाइजेशन के टैंकर नहीं पहुंच रहे हैं। केवल नगर निगम के टैंकर ही नहीं, मलेरिया विभाग की टीम भी सभी स्थानों पर नहीं पहुंच रही है। मलेरिया विभाग का अपना तर्क है कि उनके पास पर्याप्त स्टाफ नही है। गौर करने वाली बात यह है कि शासन से रैन बसेरों में प्रतिदिन सैनिटाइजेशन करने का आदेश है, लेकिन इसका पालन भी शहर में नहीं हो रहा है।


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