मेरठ, जेएनएन। आठ माह से भी लंबे अंतराल के बाद संगम एक्सप्रेस शुक्रवार शाम रवाना हुई तो यात्रियों के चेहरे खिले नजर आए। 17 कोच वाली ट्रेन आधी मेरठ में ही फुल हो गई। 452 यात्री रवाना हुए। हालांकि सुबह के समय ट्रेन जब प्रयागराज से सिटी स्टेशन पहुंची तो इसमें केवल 94 यात्री ही सवार थे। अक्सर लेटलतीफ रहने वाली संगम एक्सप्रेस 6.29 पर सिटी स्टेशन पर पहुंची।
शाम को पांच बजे से ही यात्री स्टेशन पर पहुंचना शुरू हो गए थे। टिकट की चेकिग और थर्मल स्क्रीनिग के बाद ही यात्रियों को प्रवेश दिया गया। भीड़ को देखते हुए दो कतारें बनवाई गईं। हालांकि सुबह 6.29 बजे जब ट्रेन आई तो कोई जांच नहीं हुई। परिवार सहित छोटे बच्चों को लेकर लोग स्टेशन पहुंचे। आमतौर पर इस समय वीरान से दिखने वाले स्टेशन पर चहल-पहल नजर आई।
यात्रियों ने क्या कहा..
कोचों में साफ-सफाई का अभाव था। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए एकमात्र ट्रेन है उसका रखरखाव भी ठीक से नहीं होता ।
राहुल त्यागी अधिवक्ता, हाईकोर्ट मेरा फेब्रिकेशन का काम है कानपुर आना-जाना लगा रहता है। अभी तक निजी वाहन से आते-जाते थे। ट्रेन चलने से काफी सुविधा होगी।
अजय अग्रवाल कोरोना काल के पहले माह दो बार मेरठ और प्रयागराज के बीच आना-जाना होता था। अनलाक के बाद भी केवल दो बार आना हुआ है। ट्रेन चलने से फिर नियमित रूप से आ सकूंगा।
चंदन कुमार प्रयागराज में मेरा पैत्रक निवास है। चार माह पहले अकेले गया था। परिवार के साथ कोरोना काल में पहली बार जा रहा हूं।
कमला प्रसाद मेरठ में मेरा बिजनेस है। प्रयागराज आना-जाना लगा रहता है। बसों के सफर से परेशान हो गया था। संगम चलने से इतनी खुशी हो रही है, जैसे कोई खोई हुई कीमती चीज मिल गई हो।
मनीष कुमार मेरठ का मूल निवासी हूं, ठेकेदारी के सिलसिले में कानपुर और लखनऊ आना-जाना होता है। ट्रेन चलने से अब कामधंधा भी चल जाएगा।
आरिज
वर्षो बाद प्लेटफार्म नंबर एक से रवाना हुई संगम
कोरोना काल में ट्रेनों की संख्या कम होने से संगम एक्सप्रेस को प्लेटफार्म नंबर एक से रवाना किया गया। आमतौर पर संगम प्लेट फार्म नंबर दो से जाती थी। शुक्रवार को ट्रेन से नियमित रूप से जाने वाले लोग ट्रेन को प्लेटफार्म नंबर एक पर देखकर चौंक गए। रेलवे के अधिकारियों के अनुसार जब 1987 से पहले नौचंदी आरंभ नहीं हुई थी, तब संगम प्लेटफार्म नंबर एक से जाती थी। उस समय इसमें लखनऊ के लिए कोच लगते थे। जो हापुड़ में लखनऊ मेल से जुड़ते थे। कुछ समय तक संगम वन ए प्लेटफार्म से भी रवाना हुई। विगत 15 साल से यह प्लेटफार्म नंबर दो से ही रवाना हो रही है। सिटी स्टेशन के स्टेशन अधीक्षक आरपी सिंह ने बताया कि ट्रेनें न होने से प्लेटफार्म नंबर एक खाली है। यात्रियों की सुविधा के लिए संगम को प्लेटफार्म नंबर एक से रवाना किया गया।
लंबे समय से ठप रोजगार पटरी पर लौटने की आस
कोरोना काल में मेरठ सिटी रेलवे स्टेशन पर आने-जाने वाले यात्रियों द्वारा प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से कमाई करने वाले लोगों की परेशानियों के बादल छंटते नजर आ रहे हैं। संगम एक्सप्रेस के चलने से उनकी उम्मीदों को बल मिला है।
इन्होंने कहा कि..
पहले गेस्ट हाउस यात्रियों से फुल रहता था, लेकिन ट्रेनों का संचालन बंद होने के कारण काम पूरी तरह से ठप पड़ा है। संगम का संचालन शुरू होने से कुछ राहत मिलेगी।
विनीत जिंदल, गेस्ट हाउस संचालक
पहले दिनभर यात्रियों की आवाजाही होने से दुकानदारी जबरदस्त होती थी। ट्रेनों की संख्या बढ़े तो राहत मिलेगी। संगम के चलने से फिर से व्यवस्था सुधरने की उम्मीद जगी है।
दिलशाद, दुकानदार
पानी न होने से परेशान हुए यात्री
प्रयागराज के लिए रवाना हुई संगम एक्सप्रेस के वातानुकुलित कोच में यात्रियों ने पानी न होने शिकायत की। वाश बेसिन में पानी नहीं आ रहा था। इसी तरह प्रयागराज से आई ट्रेन में भी लोगों ने कोचों में गंदगी की शिकायत की। उत्तर मध्य रेलवे की ट्रेन संगम एक्सप्रेस में एलएचबी कोच लगाए जाने हैं। ट्रेन चलने से खाने पीने के वेंडरों का भी काम धंधा चलने की संभावना बनी है।
मुंबई से आने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ी
सिटी स्टेशन पर मुंबई से आने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ी हुई है। अमूमन जहां 25 से 30 यात्री आ रहे थे। पिछले दो दिनों से यात्रियों की संख्या बढ़ गई है। शुक्रवार को लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस से 150 से अधिक यात्री आए। वहीं शाम को गोल्डन टेंपल से यात्रियों की संख्या यात्री उतरे। दिल्ली से भी यात्रियों की आवाजाही हो रही है। पर स्टेशन पर कोरोना संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य विभाग की कोई सक्रियता नहीं है। न ही कोई जांच शिविर लगाया गया है और न ही यात्रियों की पड़ताल करने कोई मौजूद रहता है। आरपीएफ के कांस्टेबल थर्मल स्क्रीनिग कर रहे हैं।
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