Rupak Murder Case: 150 फीट तक ही बोरवेल की हो पाई खुदाई, केवल कपडे और बाल बरामद Meerut News
ढाई सौ फीट गहरे बोरवेल में हत्या करके डाले गए रूपक के शव को निकालने के लिए घटनास्थल पर रैपिड रेल की मशीन पहुंची। मशीनें सात घंटे तक ऑपरेशन जारी रखा और अभी भी खुदाई चल रही है।
मेरठ, जेएनएन। दो सौ बीस फीट हरे बोरवेल की डेढ़ सौ फीट खोदाई होने के बाद भी रूपक का शव बरामद नहीं हो सका। सिर्फ कपड़े और कुछ बाल मिले हैं, माना जा रहा है कि रूपक का शव 220 फीट नीचे बोरवेल में जमीन के अंदर चला गया है। रैपिड रेल की मशीन की खोदाई की लिमिट 150 फीट से जिसे पूरा करने के बाद मशीने वापस लौट गई है। अब प्रशासन पूरे बोरवेल की खोदाई के लिए प्रयासरत है।
यह था पूरा मामला
कंकरखेड़ा थाने के अनूप नगर फाजलपुर निवासी रूपक उर्फ भूरी पुत्र जसवंत को उसके ही दोस्तों ने 27 जून की शाम को दावत के बहाने रोहटा थाना क्षेत्र के जिटोला गांव में बुलाकर गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद उसके शव को रवि व उसके अन्य दोस्तों ने गांव जिटोला के ही जंगल में ढाई सौ फीट गहरे बोरवेल में डाल दिया था। पांच आरोपितों को जेल भेज दिया गया था, जबकि दो आरोपित अभी भी फरार हैं। पूरा मामला गुमशुदगी दर्ज होने के बाद पुलिस की जांच पड़ताल में खुला था। बोरवेल में शव डालने के बाद 10 जुलाई से 17 जुलाई तक पोर्कलेन व जेसीबी मशीन की मदद से बोरवेल के पास 50 फीट तक खोदाई करके शव की तलाश की थी, लेकिन सफलता नहीं मिली थी।
इस तरह खुदाई की मिली थी अनुमति
इस पूरे घटनाक्रम के बाद सात दिन पहले रूपक की मां मिथलेश अपने घर के बाहर ही पांच दिन तक धरने पर बैठी थी। कमिश्नर अनिता मेश्राम ने शासन को चिठ्ठी लिखी। इसके बाद रैपिड रेल के लिए खोदाई करने वाली टीबीएम सनवार्ड मशीन को घटनास्थल पर भेजने की अनुमति दी गई थी। हालांकि मशीन को पहुंचाने के लिए जंगल में 50 मीटर लंबा और 12 फीट चौड़ा रास्ता बनाया गया था। शुक्रवार को रास्ता तैयार हुआ और एनडीआरएफ ने मशीन के साथ आए कर्मचारियों के साथ काम करना शुरू किया।
150 फीट तक ही हो पाई खुदाई
देर शाम सात बजे तक ऑपरेशन जारी था। इस दौरान मशीन के तकनीशियन खुर्शीद आलम ने बताया कि मशीन लगभग सवा सौ फीट की गहराई तक बोरवेल की खोदाई कर चुकी है। कुछ कपड़े, ईट-पत्थर ही बाहर निकल पाए हैं। शव का अवशेष अभी कोई बाहर नही आ पाया है। डेढ़ सौ फीट तक मशीन खुदाई करने के बाद वापस लौट गई। वहीं दूसरी ओर ऑपरेशन रूपक को देखने के लिए मौके पर पहुंची मशीनों को देखने के लिए आसपास के गांवों के लोगों की भीड़ जमा हो गई। पिता जसवंत सहित पूरा परिवार डटा हुआ था। शाम छह बजे तक रूपक के कपड़े बरामद हो सकें।
शव निकालने को एक्सपर्ट से होगी राय
रूपक के शव को निकालने के लिए रैपिड रेल की मशीनों ने 150 फीट तक खोदाई की, जिसकें कपड़े और कुछ बाल बरामद हुए है। मशीनों की उससे ज्यादा खोदाई की क्षमता नहीं थी। ऐसे में मशीने वापस लौट गई है। अब बोरवेल की खोदाई के लिए कुछ एक्सपर्ट की राय ली जाएगी। उसके बाद आगे की खोदाई के बारे में विचार विमर्श किया जाएगा। -अजय साहनी, एसएसपी