गुदड़ी में फायरिंग : घटनाक्रम को छिपाते रहे इंस्पेक्टर, कानून हाथ में लेकर अराजक हुई भीड़ Meerut News
मंगलवार की रात गुदड़ी बाजार में जमकर अराजकता की गई। यहां तक कि इंस्पेक्टर ने भी घटना के बारे में अफसरों को गुमराह किया। भीड़ को वहां से न हटाया जाता तो बड़ा बवाल होने की आशंका थी।
मेरठ, जेएनएन। गुदड़ी बाजार में कानून हाथ में लेकर बवालियों ने घंटों तक अराजकता की। दुकानों में तोड़फोड़ कर लूटपाट की गई। दोनों और से जमकर पथराव और फायरिंग हुई। थाने से चंद कदमों की दूरी पर घटना होने के बाद भी पुलिस देरी से पहुंची, जबकि सुबह से ही दोनों बिरादरी में विवाद चल रहा था। उसके बावजूद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। ताबड़तोड़ फायरिंग होने के बाद भी इंस्पेक्टर घटना को अफसरों से छिपाते रहे। कप्तान ने एसओ सदर बाजार की एक टीम बनाकर जांच के लिए मौके पर भेजी।
पुलिस नहीं दिखी गंभीर
कोतवाली थाने में गुदड़ी बाजार को अतिसंवेदनशील की श्रेणी में रखा गया है। उसके बावजूद भी वहां बच्चों में क्रिकेट को लेकर चल रहे विवाद को पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया, जबकि सुबह से ही राईन और कुरैशी बिरादरी के लोगों में विवाद चल रहा था। दोपहर को दोनों पक्षों में समझौता भी हुआ। देर रात कुरैशी बिरादरी के लोगों ने सड़कों पर अराजकता दी। कई दुकानों में तोड़फोड़ कर लूटपाट की गई। राईन बिरादरी के लोगों ने पथराव किया, जिस पर कुरैशी बिरादरी के लोग हाथों में हथियार लेकर सड़कों पर आ गए।
अफसरों को किया गया गुमराह
फायरिंग की आवाज कोतवाली थाने पर पहुंचने के बाद भी पुलिस ने मौके पर पहुंचने में देरी कर दी। दो लोगों को गोली लगने के बाद भी इंस्पेक्टर कोतवाली ने अफसरों को गुमराह किया। बताया गया कि एक युवक को गोली लगी है। कप्तान अजय साहनी ने बताया कि इंस्पेक्टर की लापरवाही सामने आ रही है। एसओ सदर बाजार की टीम को मौके पर भेजकर जांच कराई जा रही है।
100 मीटर की दूरी पर पहुंचने में लगे बीस मिनट
पुलिस की लापरवाही पूरी घटना में सामने आई है। थाने से सौ मीटर की दूरी पर पहुंचने में पुलिस ने बीस मिनट का समय लगा दिया। पथराव के बाद कुरैशी पक्ष की और से फायरिंग होने पर पहले ही भगदड़ मच गई थी। पुलिस के पहुंचने पर घायल को उठाकर जिला अस्पताल ले जाया जा रहा था। यदि पुलिस समय रहते ही मौके पर पहुंच जाती तो भीड़ फायरिंग करने की हिम्मत नहीं जुटा पाती। कप्तान अजय साहनी का कहना है कि सीओ ऑफिस से इस पूरे प्रकरण में जांच रिपोर्ट मांगी गई है।
ये हुए नामजद
पूर्व सांसद शाहिद अखलाक के बेटे साकिब अखलाक, भाई राशिद अखलाक, भतीजे यासिर अखलाक, नौशाद बकरी, समीर, सुऐब उर्फ डबा को जानलेवा हमले में नामजद किया।
राईन बिरादरी के लोग बोले, बदला लेकर रहेंगे
राईन बिरादरी के लोगों का कहना था कि कुरैशी लगातार उन पर जुल्म करते आए है। इसबार बदला लेकर रहेंगे। उनके परिवार के दो लोगों को गोली लगी है, जबकि पथराव में कई लोग घायल हुए। फलों की दुकानें पलट दी गई। दुकानों में तोड़फोड़ की गई। उसके बावजूद भी आरोपित पक्ष पर पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। बल्कि लाठी चलाकर हमे ही दौड़ा दिया है।
निशाना लगाकर बरसाई गई गोलियां
गुदड़ बाजार में अराजकता का आलम यह था कि निशाना लगाकर गोलियां बरसाई गई। करीब दस राउंड फायरिंग की गई। भीड़ मौके से नहीं भागती को बड़ी घटना हो सकती थी। आशिक अली और अमान को भी भागते हुए गोली लगी है। आशिक की जांघ में गोली लगी है, जबकि अमान के पैर को चीरती हुई गोली पार निकल गई। भीड़ का आरोप है कि राशिद अखलाक ने फायरिंग की है। उसके बावजूद भी पुलिस ने पूर्व सांसद के परिवार को हिरासत में नहीं लिया, सिर्फ भीड़ से दो लोगों को पकड़ा गया है।
इनका कहना है
बच्चों को लेकर विवाद में राईन और कुरैशी पक्ष के लोग भिड़ गए थे। राशिद और परिवार के अन्य सदस्य बीच बचाव के लिए गए थे। उन्होंने गोली नहीं चलाई है। मामले को दूसरा रंग देने के लिए रंजिशन गलत आरोप लगाए जा रहे हैं। हम पीड़ित पक्ष के साथ हैं।
- शाहिद अखलाक, पूर्व सांसद