संघ की समन्वय बैठक में पहुंचे योगी के पांच मंत्री, चढ़ा राम मंदिर का पारा
मेरठ के माधवकुंज में गुरुवार को संघ की समन्वय बैठक आयोजित की गई है। संघ ने अपने संगठनों के साथ मैराथन मंथन शुरू कर दिया है।
By Ashu SinghEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 12:50 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 12:50 PM (IST)
मेरठ (जेएनएन)। राम मंदिर आंदोलन के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने देशव्यापी हवा बनानी शुरू कर दी है। प्रदेश में दो प्रांतों में समन्वय बैठक के बाद गुरुवार से मेरठ के माधवकुंज में संघ ने अपने संगठनों के साथ मैराथन मंथन शुरू कर दिया है। नौ दिसंबर को नई दिल्ली में आयोजित होने वाली धर्मसभा के लिए मेरठ में प्रभावी रणनीति बनेगी। माना जा रहा है कि धर्मसभा की डोर मेरठ के हाथ में होगी। अगले साल जनवरी में बड़ा आंदोलन खड़ा करने की तैयारी है।
मेरठ है महत्वपूर्ण केंद्र
मेरठ को संघ एवं अनुषांगिक संगठनों की दृष्टि से महत्वपूर्ण केंद्र माना गया है। इसे भाजपा का भी पावरहाउस कहा जाता है। लंबे समय बाद संघ और भाजपा के साथ उच्चस्तरीय समन्वय बैठक के तमाम बड़े मायने हैं। इस बैठक में क्षेत्र प्रचारक आलोक कुमार तैयारियों की समीक्षा करेंगे। योगी सरकार में पश्चिम क्षेत्र के पांच मंत्रियों भूपेंद्र सिंह, चेतन चौहान, धर्मसिंह सैनी, सुरेश राणा, अतुल गर्ग व संगठन के तमाम दिग्गज पदाधिकारी होंगे।
नई संभावनाएं खंगाल रहे
लोकसभा चुनावों में पार्टी के लिए संजीवनी बने पश्चिम उप्र में नई संभावनाएं खंगाली जा रही हैं। हालांकि अयोध्या में 25 नवंबर को होने वाली धर्मसभा के लिए कानपुर, अवध एवं काशी प्रांत के विधायकों को पांच-पांच हजार की भीड़ जुटाने के लिए कहा गया है, किंतु पश्चिम प्रांत से इस आंदोलन को रणनीतिक एवं भावनात्मक ताकत दी जाएगी। इस समन्वय बैठक में विश्व हिन्दू परिषद पर विशेष जिम्मेदारी होगी। संघ के प्रचारक एवं विहिप के कार्यकर्ता गांवों में पहुंचकर राम मंदिर के लिए बड़ा मंच तैयार करेंगे, वहीं इसी बहाने लोकसभा चुनावों के बहाने भावनात्मक रंग भी गाढ़ा नजर आएगा।
मेरठ है महत्वपूर्ण केंद्र
मेरठ को संघ एवं अनुषांगिक संगठनों की दृष्टि से महत्वपूर्ण केंद्र माना गया है। इसे भाजपा का भी पावरहाउस कहा जाता है। लंबे समय बाद संघ और भाजपा के साथ उच्चस्तरीय समन्वय बैठक के तमाम बड़े मायने हैं। इस बैठक में क्षेत्र प्रचारक आलोक कुमार तैयारियों की समीक्षा करेंगे। योगी सरकार में पश्चिम क्षेत्र के पांच मंत्रियों भूपेंद्र सिंह, चेतन चौहान, धर्मसिंह सैनी, सुरेश राणा, अतुल गर्ग व संगठन के तमाम दिग्गज पदाधिकारी होंगे।
नई संभावनाएं खंगाल रहे
लोकसभा चुनावों में पार्टी के लिए संजीवनी बने पश्चिम उप्र में नई संभावनाएं खंगाली जा रही हैं। हालांकि अयोध्या में 25 नवंबर को होने वाली धर्मसभा के लिए कानपुर, अवध एवं काशी प्रांत के विधायकों को पांच-पांच हजार की भीड़ जुटाने के लिए कहा गया है, किंतु पश्चिम प्रांत से इस आंदोलन को रणनीतिक एवं भावनात्मक ताकत दी जाएगी। इस समन्वय बैठक में विश्व हिन्दू परिषद पर विशेष जिम्मेदारी होगी। संघ के प्रचारक एवं विहिप के कार्यकर्ता गांवों में पहुंचकर राम मंदिर के लिए बड़ा मंच तैयार करेंगे, वहीं इसी बहाने लोकसभा चुनावों के बहाने भावनात्मक रंग भी गाढ़ा नजर आएगा।
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