सड़क सुरक्षा सप्ताह : कोरोना के शांत होते ही बढ़ने लगे सड़क हादसे
कोरोना काल की पहली लहर में सड़क हादसों में खासी कमी देखी गई थी। दूसरी लहर अब शांत हो चुकी है और सड़क हादसों में मौतों का आंकड़ा बढ़ गया है। इस साल अगस्त में 68 दुर्घटनाओं में 38 मौतें हुई हैं। पिछले साल अगस्त में यह आंकड़ा केवल 26 था।
मेरठ, जेएनएन। कोरोना काल की पहली लहर में सड़क हादसों में खासी कमी देखी गई थी। दूसरी लहर अब शांत हो चुकी है और सड़क हादसों में मौतों का आंकड़ा बढ़ गया है। इस साल अगस्त में 68 दुर्घटनाओं में 38 मौतें हुई हैं। पिछले साल अगस्त में यह आंकड़ा केवल 26 था।
कोरोना कर्फ्यू हटने के बाद जब से जनजीवन सामान्य होना आरंभ हुआ है हादसे भी बढ़ गए हैं। अगस्त 2019 में सड़क हादसों में मौतों की संख्या 36 थी। जुलाई में यह संख्या 12 थी। जून 2021 में मौतों की संख्या 34 थी, वहीं जून 2019 में 31 और जून 2020 में 21 मौत हुई थीं। सड़क हादसों को लेकर जहां तेज रफ्तार को दोष दिया जाता है, वहीं दूरी ओर खराब सड़कें भी कम दोषी नहीं है।
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तीन सालों में अगस्त तक हुए सड़क हादसे और मौतें
वर्ष दुर्घटनाओं की संख्या मौतों की संख्या
2019 678 304
2020 - 438 204
2021 - 483 222
ग्रामीण मार्गो का इंटरलाकिग टाइल्स से होगा चौड़ीकरण : लोक निर्माण विभाग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में दस किमी सड़क पर इंटरलाकिग टाइल्स से चौड़ीकरण करेगा। विभाग के प्रांतीय खंड ने विधायकों से सड़कों के नाम लेकर शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा है। लोनिवि के प्रांतीय खंड ने 15.44 करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा है। निर्माण खंड भवन प्रस्ताव तैयार करने में जुटा है। लोनिवि ने मेरठ कैंट, किठौर व मेरठ दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के प्रस्ताव विधायकों से लिए हैं। प्रांतीय खंड ने 11 सड़कों के चौड़ीकरण कार्य को प्रस्ताव में शामिल किया है।