Jayant Chaudhary: जयंत की ताजपोशी से बागपत में जश्न, लेकिन सियासी चुनौतियां भी नहीं हैं कम
Jayant Chaudhary चौ. अजित सिंह के निधन से रिक्त हुए रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर जयंत चौधरी के चुने जाने से बागपत में जश्न है। समर्थकों को उम्मीद है कि जयंत चौधरी खोई सियासी जमीन को पाकर अपने दादा और पिता की सियासी विरासत का झंडा बुलंद करेंगे।
बागपत, जेएनएन। छह मई को चौ. अजित सिंह के निधन से रिक्त हुए रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर जयंत चौधरी के चुने जाने से बागपत में जश्न है। समर्थकों को उम्मीद है कि जयंत चौधरी खोई सियासी जमीन को पाकर अपने दादा एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह और पिता चौ. अजित सिंह की मानिंद परिवार की सियासी विरासत का झंडा बुलंद करेंगे।
मंगलवार को रालोद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की वर्चुअल मीटिंग में चौ. अजित सिंह को श्रद्धांजलि देने के बाद जयंत चौधरी को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी ने उनके नाम का प्रस्ता रखा तथा पूर्व सांसद मुंशी रामपाल ने अनुमोदन किया जिसके बाद कार्यकारिणी के सदस्यों ने उन्हें चुना।
अध्यक्ष चुने जाने के बाद जयंत चौधरी ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए अपने दादा स्व. चरण सिंह और पिता चौ. अजित सिंह के बताये रास्ते पर चलकर गांव-किसान के हितों के लिए हमेशा संघर्ष करने का संकल्प लिया है। साथ ही 26 मई को संयुक्त किसान मोर्चे के धरने में समर्थकों से भाग लेने का आह्वान किया।
वहीं जयंत चौधरी को रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर चुने जाने से बागपत में समर्थकों में खुशी है। लेकिन जयंत चौधरी के लिए गांव-गरीब, किसानों और खाफ चौधरियों को साधकर अपनी खोई सियासी जमीन पाकर पार्टी को बुलंदियों पर पहुंचाने की चुनौती कम नहीं है। साल 2019 में जयंत चौधरी भाजपा के डा. सत्यपाल सिंह से बागपत लोकसभा सीट से चुनाव हार चुके हैं।
साल 2014 में उनके पिता चौ. अजित सिंह को भी बागपत से हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में समर्थकों की उम्मीदें जयंत चौधरी से कहीं ज्यादा है। रालोद के राष्ट्रीय सचिव डा. सुखबीर सिंह गठीना कहते हैं कि जयंत चौधरी में कार्य करने की अपार क्षमता है और हमें पक्का भरोसा है कि जयंत चौधरी रालोद को ऊंचाईयों पर ले जाने का काम करेंगे।