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Black Fungus से ठीक होने के बाद भी दोबारा उभरने का खतरा, हर माह लेना पड़ता है एक लाख का सिरप

ब्लैक फंगस के मरीजों पर ठीक होने के बाद भी महीनों तक बीमारी दोबारा उभरने का खतरा है। मेडिकल कालेज समेत अन्य अस्पतालों से डिस्चार्ज हुए मरीजों को लंबे समय तक एंटी-फंगस पोसोकोनाजोल का महंगा सिरप पीना पड़ेगा जिसका हर माह करीब एक लाख रुपये का खर्च है।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Wed, 02 Jun 2021 09:00 AM (IST)Updated: Wed, 02 Jun 2021 09:00 AM (IST)
Black Fungus से ठीक होने के बाद भी दोबारा उभरने का खतरा, हर माह लेना पड़ता है एक लाख का सिरप
ब्‍लैक फंगस का इलाज लंबे समय तक जारी रहता है।

[संतोष शुक्ल] मेरठ। ब्लैक फंगस के मरीजों पर ठीक होने के बाद भी महीनों तक बीमारी दोबारा उभरने का खतरा है। मेडिकल कालेज समेत अन्य अस्पतालों से डिस्चार्ज हुए मरीजों को लंबे समय तक एंटी-फंगस पोसोकोनाजोल का महंगा सिरप पीना पड़ेगा, जिसका हर माह करीब एक लाख रुपये का खर्च है। छह माह तक नियमित रूप से इलाज लेना पड़ेगा। मेडिकल कालेज से डिस्चार्ज के दौरान मरीजों को दवाएं नहीं दी जा रही हैं, ऐसे में मरीज के इलाज के लिए प्रशासन को आगे आना होगा।

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20 हजार रुपये की एक बोतल

उत्तर प्रदेश में मेरठ में सर्वाधिक ब्लैक फंगस के मरीज मिल रहे हैं। ज्यादातर कोरोना से ठीक होने वाले मरीज हैं, जिन्हें आइसीयू में लंबे समय तक रहना पड़ा था, या शुगर ज्यादा बढ़ गई। नाक, कान एवं गला रोग विशेषज्ञों का कहना है कि म्यूकरमाइकोसिस खून की नलियों को बंद कर देता है, जिससे आंख व नाक में सूजन और दर्द उभरता है। मरीजों के इलाज में सबसे पहले दवाओं की भूमिका है। साथ ही कई बार आपरेशन करना पड़ता है। जिले में करीब सौ मरीज डिस्चार्ज होकर घर पहुंच गए हैं, लेकिन लापरवाही की वजह से उनमें संक्रमण दोबारा उभर आया। दोबारा संक्रमण पांच दिन में दिमाग में पहुंचकर मौत की वजह बन सकता है। मेडिकल कालेज से 40 से ज्यादा मरीज डिस्चार्ज कर दिए गए, जिन्हें छह माह तक इलाज करने के साथ ही शुगर नियंत्रित रखना होगा। नियमित रूप से नाक व गले की जांच करानी होगी। कई बार एमआरआइ की जांच जरूरी होती है। मरीजों को फंगस रोकने के लिए पोसोकोनोनोजोल सिरप पीना पड़ता है, जिसकी एक बोतल 20 हजार रुपये की है, जो सात दिन चलती है। यानी, हर माह करीब एक लाख रुपये का सिरप पीना होगा, जबकि प्रशासन इलाज के बाद ठीक हुए मरीजों को ये दवाएं नहीं दे पा रहा है।

जटिल व महंगा हो रहा इलाज

>मरीज को 15-20 दिन में 50 इंजेक्शन-खर्च करीब 3.5 लाख

>ज्यादा इंजेक्शन देने पर किडनी बैठी तो डायलिसस का खर्च

>शुगर को तेजी से कम करने के लिए इंसुलिन की नियमित डोज

>सीआरपी, क्रिटनिन की नियमित जांच

डाक्टर बोले- यह जटिल रोग, नियंत्रित रखिए शुगर

शुगर व कोरोना संक्रमण के बाद रक्त में डी-डाइमर यानी आयरन बढ़ने से फंगस खतरनाक रूप से बढ़ता है। इलाज के बाद मरीज ठीक भी हो गया तो तीन-चार माह तक हर माह करीब एक लाख रुपये का सिरप लेन होगा। एमआरआइ और दूरबीन से भी नियमित जांच करानी होगी। यह बेहद जटिल रोग है। शुगर नियंत्रित रखिए।

डा. अभिषेक मोहन, ईएनटी विशेषज्ञ

शुगर नियंत्रित रखिए, जिससे ब्लैक फंगस का खतरा न्यूनतम रह जाए। मरीज डिस्चार्ज हो रहा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह पूरी तरह ठीक हो गया। छह माह तक बेहद सतर्क रहना होगा। महंगी दवाएं लेनी पड़ेंगी। साथ ही कई प्रकार की जांचों को नियमित रूप से कराना होगा।

डा. सुमित उपाध्याय, ईएनटी विशेषज्ञ 


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