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गड्ढामुक्त अभियान को झटका, करोड़ों हजम..फिर भी नहीं भरा गड्ढों का ‘पेट’ Meerut News

करोड़ों रुपया खर्च होने के बाद भी शहर के भीतर की हों या फिर शहर से बाहर जाने वाली अथवा ग्रामीण क्षेत्र की कोई भी सड़क सभी गड्ढों से छलनी हैं। आरटीआइ में इसका पता चला है।

By Prem BhattEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 02:00 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 02:00 PM (IST)
गड्ढामुक्त अभियान को झटका, करोड़ों हजम..फिर भी नहीं भरा गड्ढों का ‘पेट’ Meerut News
गड्ढामुक्त अभियान को झटका, करोड़ों हजम..फिर भी नहीं भरा गड्ढों का ‘पेट’ Meerut News

मेरठ, [अनुज शर्मा]। केंद्र और प्रदेश सरकार दोनों की प्राथमिकता गड्ढामुक्त सड़कें हैं। सड़कों के लिए दोनों स्तर से खूब पैसा भी विभागों को दिया जा रहा है। अकेले लोक निर्माण विभाग ही शहरी और ग्रामीण सड़कों के सुधार और रखरखाव पर सालाना 50 करोड़ रुपया से ज्यादा खर्च कर रहा है। नगर निगम, छावनी परिषद और अन्य विभागों की निधि अलग है। इतना पैसा खर्च होने के बाद भी शहर के भीतर की हों या फिर शहर से बाहर जाने वाली अथवा ग्रामीण क्षेत्र की कोई भी सड़क, सभी गड्ढों से छलनी हैं। इनमें से एक को भी गड्ढामुक्त नहीं कहा जा सकता है।

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जनता परेशान और खोखले दावे

दरअसल, सड़कों के गड्ढों में फंसने वा लोग घायल हो रहे हैं। जनता परेशान है और शासन को जाने वाली अधिकारियों की रिपोर्ट में सड़कें गड्ढामुक्त होने का दावा किया जा रहा है। आरटीआइ की मदद से अफसरों के इस कारनामे की पोल खुली। आरटीआइ एक्टिविस्ट मनोज चौधरी के आवेदन पर पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक गत दो वित्तीय वर्षो में जनपद में सड़कों की विशेष मरम्मत, पैच वर्क व अन्य रखरखाव के कार्यो में 100 करोड़ से ज्यादा रुपया खर्च कर दिया गया। गड्ढों से परेशान जनता शिकायतें कर रही है। फजीहत हुई तो पीडब्ल्यूडी अफसरों ने सड़कों की मरम्मत के लिए फिर से शासन से धनराशि की मांग की है।

शासन से मांगे 27.59 करोड़

जनपद की प्रत्येक सड़क में गड्ढे हैं। ग्रामीण और अन्य प्रमुख सड़कों को लेकर जहां लोक निर्माण विभाग और जिला पंचायत कठघरे में है, वहीं शहर की सड़कों को लेकर नगर निगम, एमडीए और आवास विकास सवालों के घेरे में हैं। इन हालात को देखते हुए लोक निर्माण विभाग ने फिर से सरकार से धनराशि मांगी है। राष्ट्रीय राजमार्ग 119 के मोदीपुरम तिराहे से बेगमपुल होते हुए मवाना रोड तक के 11.5 किमी लंबे शहरी भाग के सुधार के लिए जहां चार करोड़ की मांग की गई है वहीं जनपदभर की 146 किलोमीटर लंबी सड़कों के सुधार के लिए 23.59 करोड़ की मांग की गई है।

इनका कहना है

धनराशि उपलब्ध न होने के कारण सड़कों में गड्ढे गहरे हो गए हैं। हालांकि रुड़की रोड पर गड्ढों में पत्थर डलवाने का काम शुरू कर दिया गया है, जबकि एनएच 119 के 11.5 किमी का हिस्सा हमे हाल ही में हैंडओवर हुआ है। अन्य मार्गो के सुधार के लिए हमने सरकार से 23.59 करोड़ की मांग की है।

- संजीव भारद्वाज, अधीक्षण अभियंता पीडब्ल्यूडी 


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