रेड लाइट एरिया : यहां थ्री-बीएचके फ्लैट से महंगा है कमरे का एक माह का किराया
यह अलग विषय है कि हाईकोर्ट ने मेरठ के रेड लाइट एरिया पर पुलिस प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है। लेकिन इस एरिया में एक कमरे का किराया थ्री-बीएचके फ्लैट से महंगा है।
By Ashu SinghEdited By: Published: Wed, 24 Apr 2019 03:24 PM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2019 03:24 PM (IST)
मेरठ, [पंकज तोमर]। जानकार हैरानी होगी कि जिस्म की मंडी में एक छोटे से कमरे का किराया हाई सोसाइटी के थ्री-बीएचके फ्लैट से महंगा है। कोठा संचालिका और दलालों के हस्तक्षेप के बाद ही कमरा मिलना संभव है। शहर के तमाम ऐसे लोग हैं,जिन्होंने अपने पुराने मकानों को यहां किराए पर दे रखा है।
प्रशासन का दावा, नहीं होता देह व्यापार
कबाड़ी बाजार रेड लाइट एरिया रडार पर है। पुलिस-प्रशासन का दावा है कि यहां देह व्यापार नहीं होता है,जबकि हाईकोर्ट के अधिवक्ता सुनील चौधरी ने तमाम तथ्यों को हाईकोर्ट के सामने प्रस्तुत कर धंधा चलने का दावा किया है। उनकी जनहित याचिका पर मंगलवार को हाईकोर्ट ने डीएम, एसएसपी व सीएमओ को तलब किया। इससे इतर एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है। कबाड़ी बाजार में देह व्यापार करने वाली महिलाओं को किराए के रूप में बड़ी रकम चुकानी पड़ती है।
कोठा संचालिका व दलाल करते हैं कमाई
कोठे के नीचे दुकान चलाने वाले एक दुकानदार ने बताया कि यहां लगभग 75 कोठे हैं। दो दर्जन से अधिक कोठे खरीदे गए हैं,जबकि बाकी बिल्डिंग किराए की है। दशकों से यहां रह रहीं कुछ कोठा संचालिका और दलाल नाममात्र किराया मकान मालिक को देते हैं, जबकि यह लोग बाहर से आने वाली महिलाओं व लड़कियों से प्रतिमाह 10 से 15 हजार रुपये किराया वसूलते हैं। कुछ मकान मालिक संचालिका व दलालों का हस्तक्षेप नहीं होने देते और वह खुद ही किराए पर कमरे देते हैं,लेकिन ऐसी महिलाओं व लड़कियों को संचालिका और दलाल ज्यादा दिन यहां नहीं रहने देते हैं। कई-कई माह तक किराए पर कमरा लेने के लिए यहां वेटिंग चलती है।
ज्यादातर यहां की हैं महिलाएं-लड़कियां
कबाड़ी बाजार में ज्यादातर राजस्थान, बिहार, नेपाल, पश्चिम बंगाल, कोलकाता, उड़ीसा, दिल्ली, उत्तराखंड, महाराष्ट्र आदि राज्यों की महिलाएं व लड़कियां हैं।
ये है अहम वजह
कुछ महिलाओं व लड़कियों को बंधक बनाकर रखा जाता है,जबकि कुछ स्वेच्छा से देह व्यापार करती हैं। ऐसी महिलाएं व लड़कियां यहां आकर खुद को सुरक्षित महसूस करती हैं। किसी कालोनी या अन्य जगह इस धंधे को कोई करने नहीं देता, जबकि यहां वह बगैर रोक-टोक करती रही हैं। इसलिए यहां जरा से कमरे का किराया इतना महंगा है। अमूमन, आठ से 10 हजार रुपये में थ्री-बीएचके फ्लैट किराए पर मिल जाता है।
प्रशासन का दावा, नहीं होता देह व्यापार
कबाड़ी बाजार रेड लाइट एरिया रडार पर है। पुलिस-प्रशासन का दावा है कि यहां देह व्यापार नहीं होता है,जबकि हाईकोर्ट के अधिवक्ता सुनील चौधरी ने तमाम तथ्यों को हाईकोर्ट के सामने प्रस्तुत कर धंधा चलने का दावा किया है। उनकी जनहित याचिका पर मंगलवार को हाईकोर्ट ने डीएम, एसएसपी व सीएमओ को तलब किया। इससे इतर एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है। कबाड़ी बाजार में देह व्यापार करने वाली महिलाओं को किराए के रूप में बड़ी रकम चुकानी पड़ती है।
कोठा संचालिका व दलाल करते हैं कमाई
कोठे के नीचे दुकान चलाने वाले एक दुकानदार ने बताया कि यहां लगभग 75 कोठे हैं। दो दर्जन से अधिक कोठे खरीदे गए हैं,जबकि बाकी बिल्डिंग किराए की है। दशकों से यहां रह रहीं कुछ कोठा संचालिका और दलाल नाममात्र किराया मकान मालिक को देते हैं, जबकि यह लोग बाहर से आने वाली महिलाओं व लड़कियों से प्रतिमाह 10 से 15 हजार रुपये किराया वसूलते हैं। कुछ मकान मालिक संचालिका व दलालों का हस्तक्षेप नहीं होने देते और वह खुद ही किराए पर कमरे देते हैं,लेकिन ऐसी महिलाओं व लड़कियों को संचालिका और दलाल ज्यादा दिन यहां नहीं रहने देते हैं। कई-कई माह तक किराए पर कमरा लेने के लिए यहां वेटिंग चलती है।
ज्यादातर यहां की हैं महिलाएं-लड़कियां
कबाड़ी बाजार में ज्यादातर राजस्थान, बिहार, नेपाल, पश्चिम बंगाल, कोलकाता, उड़ीसा, दिल्ली, उत्तराखंड, महाराष्ट्र आदि राज्यों की महिलाएं व लड़कियां हैं।
ये है अहम वजह
कुछ महिलाओं व लड़कियों को बंधक बनाकर रखा जाता है,जबकि कुछ स्वेच्छा से देह व्यापार करती हैं। ऐसी महिलाएं व लड़कियां यहां आकर खुद को सुरक्षित महसूस करती हैं। किसी कालोनी या अन्य जगह इस धंधे को कोई करने नहीं देता, जबकि यहां वह बगैर रोक-टोक करती रही हैं। इसलिए यहां जरा से कमरे का किराया इतना महंगा है। अमूमन, आठ से 10 हजार रुपये में थ्री-बीएचके फ्लैट किराए पर मिल जाता है।
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