इंजीनियरिग में एक प्रवेश परीक्षा से छात्रों को राहत
अगले शैक्षणिक सत्र में एकेटीयू की नहीं होगी राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा।
मेरठ, जेएनएन। इंजीनियरिग की तैयारी करने वाले छात्रों को एक प्रवेश परीक्षा होने से बड़ी राहत मिल गई है। अगले शैक्षणिक सत्र से उन्हें एकेटीयू (डा. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी) की राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा देने की जरूरत नहीं होगी। वह जेईई के अंक से राज्य के इंजीनियरिग कालेजों में भी प्रवेश ले सकेंगे। इस बदलाव से छात्र खुश हैं।
बहुत समय से इसकी मांग की जा रही थी कि इंजीनियरिग की प्रवेश परीक्षा में सिगल विडो सिस्टम शुरू किया जाए। जो अब किया गया है। अभी तक इंजीनियरिग में छात्र दो तरह की प्रवेश परीक्षा देते थे। जेईई मेन फिर एडवांस्ड के बाद छात्र आइआइटी में प्रवेश पाते थे। वहीं प्रदेश के इंजीनियरिग कालेज में एकेटीयू की राज्य स्तरीय परीक्षा से प्रवेश पाते थे। अगले सत्र से उन्हें जेईई मेन की प्रवेश परीक्षा में मिले अंक से राज्य के इंजीनियरिग कालेजों में प्रवेश मिलेगा। छात्रों को कहना है कि इससे उन्हें अलग-अलग सिलेबस की तैयारी नहीं करनी होगी।
काउंसिलिग से प्रवेश कम
इस समय एकेटीयू की काउंसिलिग चल रही है। 30 नवंबर तक तीन चरण की काउंसिलिग होगी। अभी तक की स्थिति यह है कि पांच फीसद सीट काउंसिलिग से भर पाई हैं। एकेटीयू की काउंसिलिग से सीटें नहीं भर पा रहीं हैं। अगले साल से जेईई से प्रवेश होने से अच्छे कालेजों को सीट भरने की समस्या नहीं रहेगी। वहीं जो खराब कालेज होंगे, वे इस दौड़ से बाहर हो जाएंगे।
स्नातक में आधी सीटें खाली, प्रवेश समिति की बैठक आज
मेरठ: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय और उससे जुड़े कालेजों में दूसरी ओपन मेरिट से प्रवेश हो रहे हैं। दो दिसंबर तक कालेज इस मेरिट से प्रवेश लेंगे। अभी तक मेरठ और सहारनपुर मंडल के कालेजों में 95363 अभ्यर्थियों ने प्रवेश लिया है। अब भी 90 हजार से अधिक सीटें कालेजों में रिक्त हैं।
कोविड-19 का असर प्रवेश प्रक्रिया पर पड़ रहा है। एडेड कालेजों में संचालित सेल्फ फाइनेंस कोर्स में प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या कम है। वहीं सेल्फ फाइनेंस कालेजों के सामने प्रवेश को लेकर और भी संकट खड़ा हो गया है। विवि की ओर से इन सीटों को कैसे भरा जाएगा, इसे लेकर चिता है। शुक्रवार को चौधरी चरण सिंह विवि में प्रवेश समिति की बैठक है। इसमें प्रवेश की पूरी स्थिति को देखते हुए निर्णय लिया जाएगा। विवि की प्रतिकुलपति प्रो. वाई विमला का कहना है कि स्नातक में काफी सीट खाली है, उन्हें कैसे भरा जाए, इन बिदुओं पर चर्चा की जाएगी।