दिल्ली की मंडियों में पहुंचेंगी मेरठ की लाल-पीली शिमला मिर्च, जानिए क्या है उद्यान विभाग और पालीहाउस के किसानों की तैयारी
कोरोना काल में मार्च-अप्रैल के बाद रंगीन शिमला मिर्च का पहला सीजन शुरू हो गया है। अगले सप्ताह भर में हरी शिमला मिर्च लाल पीले रंग में बदल जाएगी। लाल पीली शिमला मिर्च महंगी सब्जियों में मुख्य मानी जाती है।
मेरठ, जेएनएन। कोरोना काल में मार्च-अप्रैल के बाद रंगीन शिमला मिर्च का पहला सीजन शुरू हो गया है। अगले सप्ताह भर में हरी शिमला मिर्च लाल पीले रंग में बदल जाएगी। लाल पीली शिमला मिर्च महंगी सब्जियों में मुख्य मानी जाती है। इसका इस्तेमाल स्नैक्स, चाइनीज फूड और तमाम शादी-ब्याह आदि आयोजनों में किया जाता है। कोरोना के कारण आपूर्ति व मांग न होने के कारण पिछली फसल अप्रैल में किसानों को स्वयं ही बर्बाद करनी पड़ी थी। लेकिन इस बार पालीहाउस के किसानों में इस बार फसल के उत्पादन को लेकर खासा उत्साह है।
70 से 100 रुपये प्रति किलो तक मिलता है दाम
मवाना के खेडी मनिहार में एक एकड़ पालीहाउस में लाल पीली शिमला मिर्च की खेती करने वाले किसान ब्रजमोहन राणा कहते हैं कि इस बार कीट व बीमारी लगने के कारण फसल में नुकसान भी हुआ है। बावजूद इसके फसल पककर तैयार हो गई है। अगले कुछ दिनों में इसका रंग बदलकर लाल पीला हो जाएगा। दिल्ली में आजादपुर मंडी के अलावा केशोपुर ओखला में मेेरठ से इसकी आपूर्ति की जाती है। पालीहाउस में प्रत्येक तीन से चौथे दिन सात से आठ कुंतल शिमला मिर्च तैयार होती है।
किसानों को मिलेगा उचित दाम : जिला उद्यान अधिकारी
मेरठ के जिला उद्यान अधिकारी आरएस राठौर ने बताया कि लाल पीली शिमला मिर्च महंगी सब्जियों में से एक है। मेरठ में अच्छी खपत है। इसके अलावा पालीहाउस के किसान दिल्ली की कई मंडियों में फसल लेकर जाते हैं। उन्हें वहां पर 100 रुपये प्रति किलो तक इसके दाम मिलते हैं। शादी, सगाई आदि कार्यक्रमों को अनुमति मिलने के कारण अब इसकी खपत बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।