कीर्तिमान बनाने को हस्तिनापुर में पौधारोपण
हस्तिनापुर की धरा नए कीर्तिमान की साक्षी बनी। वन विभाग ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में जगह बनाने के लिए मंगलवार को पौधारोपण किया।
जेएनएन, मेरठ। हस्तिनापुर की धरा नए कीर्तिमान की साक्षी बनी। वन विभाग ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में जगह बनाने के लिए मंगलवार को पौधारोपण किया। राजकीय पशुधन कृषि प्रक्षेत्र पर किए गए पौधारोपण में 30 प्रजातियों के 12-12 पौधे रोपे गए। पौधारोपण निर्धारित एक घंटे से पांच मिनट पूर्व ही पूरा कर लिया गया। इसमें पौधे के लिए गड्ढा खोदना, पौधा रोपना, थांवलाबंदी तथा पानी देने का कार्य शामिल है। पौधारोपण की फोटो व वीडियोग्राफी की गई। शाम तक समस्त डाटा संकलित कर गिनीज बुक के अधिकारियों को सौंपा जाएगा।
विश्व रिकार्ड बनाने के लिए उत्तर प्रदेश के चयनित आठ जनपदों में मेरठ भी शामिल है। जनपद में पौराणिक धरती हस्तिनापुर को चुना गया था। पौधारोपण मुख्य वन संरक्षक एनके जानू, डीएफओ अदिति शर्मा के निर्देशन में ठीक दस बजे प्रारंभ हुआ। गिनीज बुक के अधिकारियों द्वारा नामित विशेषज्ञ डा. रूप नारायण, डा. एसके मलिक व डा. वीके मलिक की निगरानी में 15 टीमों के 30 सदस्यों ने कार्य किया। सभी पौधों का विशेषज्ञों ने चयन किया। एक टीम में दो लोग शामिल रहे। इनमें एक को पौधारोपण व दूसरे को चार स्टेज पर फोटोग्राफी करनी थी। इस मौके पर एसडीओ एके मिश्र, रेंजर नवरत्न सिंह, डिप्टी रेंजर विनोद कुमार, हरिनारायण सिंह, संसार सिंह, ओमप्रकाश, संजय आदि शामिल रहे।
जैव विविधता व पारिस्थितिकी तंत्र होगा मजबूत
सीसीएफ व डीएफओ का कहना है कि पौधारोपण जैव विविधता व पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने में सहायक सिद्ध होगा। इससे पर्यावरण व जल संचयन को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे पूर्व भी यहां रिकार्ड पौधारोपण किया जा चुका है।
लैला मजनूं, रुद्राक्ष, नागकेशर पहली बार हुए रोपित
हूप पाइन, नीम, कचनार, सेमल, कैसिया ग्लूका, चकरेसिया, कागजी नींबू, किन्नू, चकोतरा, नींबू घास, गोल्ड मोहर, गोल्डन केन पॉम, रुद्राक्ष, लैला मजनूं, फाईकस बैंजामिना, अंजीर, पाकड़, तमाल, गुड़हल, रुग्मिनी, लेटिना पॉम, लीची, नाग केशर, सहजन, चीड़, एल्बा चंपा, अशोक, नाशपाती, रीठा व जामुन के पौधे रोपे गए। इनमें रुद्राक्ष, सामल, नागकेशर व लैला मजनूं के पौधे पहली बार रोपे गए।
55 मिनट, पौधों की 30 प्रजाति
पौधारोपण के लिए 15 टीमों को तैयार किया गया था। इसमें 30 सदस्य शामिल थे। एक टीम को दो प्रजातियों के 24 पौधे रोपने थे। इस तरह से 15 टीमों ने 30 प्रजातियों के 360 पौधे रोपे। मौजूद लोगों ने तालियां बजाकर टीम का उत्साहवर्धन किया।
हर एंगल से हुई फोटो व वीडियोग्राफी
पौधारोपण कार्यक्रम को कैमरे में कैद करने के लिए कुल 20 कैमरे चल रहे थे। चार कोनों पर वीडियोग्राफी के लिए एक-एक कैमरा लगाया गया था। पौधा रोपते समय भी 15 टीमें प्रत्येक पौधे की फोटो अपने मोबाइल में कैद कर रही थीं। इसके अलावा ड्रोन से भी वीडियोग्राफी की जा रही थी।