नकली शराब बनाने वालों की पहुंची सिफारिश, पुलिस ने खींचे हाथ
मंसूरपुर की सर शादीलाल डिस्टलरी की नकली शराब तैयार करने वालों को पुलिस अभी तक पकड़ नहीं पाई है।
मेरठ, जेएनएन। मंसूरपुर की सर शादीलाल डिस्टलरी की नकली शराब तैयार करने वालों को पुलिस अभी तक पकड़ नहीं पाई है। दोनों की सिफारिश पहुंचने पर पुलिस ने हाथ पीछे खींच लिए हैं। दोनों आरोपित कोरोना काल में वेस्ट यूपी में करोड़ों की नकली शराब खपा चुके हैं। देशी शराब के ठेकों पर नकली शराब उतारी जा रही थी। असली तोहफा मार्का शराब से करीब 30 से 40 फीसद कम दाम पर ठेकों को शराब मुहैया करा रहे थे। कंकरखेड़ा और जानी पुलिस ने तेजवीर सिंह मेमोरियल बीएड कालेज में शराब फैक्ट्री पकड़ी। फैक्ट्री से सौ पेटी शराब बरामद की गई। पुलिस ने मौके से चौकीदार समेत तीन आरोपितों को पकड़ा था। सरधना का सचिन और कंकरखेड़ा का अमित फैक्ट्री का संचालन कर रहे थे। दोनों की सत्ता के कद्दावर नेताओं में अच्छी पकड़ है। फैक्ट्री का पर्दाफाश होने के बाद से इस नेता ने पुलिस पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था। यही कारण है कि पुलिस ने तीन दिन पहले फैक्ट्री पकड़ने के बाद अभी तक थाने में लिखत-पढ़त तक नहीं की है। माना जा रहा है कि पुलिस लीपापोती में जुटी हुई है। जांच में यह भी सामने आ चुका है कि फैक्ट्री संचालन में सर शादीलाल डिस्टलरी का कर्मचारी भी शामिल है। इस फैक्ट्री के संचालन से डिस्टलरी की बिक्री पर भी प्रभाव पड़ा था। लेकिन डिस्टलरी प्रबंधन ने माना कि शायद लाकडाउन की वजह से बिक्री घटी है।
फैक्ट्री से मिले रजिस्टर में खरीदारों के नाम
फैक्ट्री से रजिस्टर भी मिला है, जिसमें खरीदारों के नाम सामने आ रहे हैं। पुलिस नकली शराब खरीदने वालों से भी पूछताछ करेगी। दरअसल, नकली शराब की वजह से सरधना सर्किल में पांच लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस की जांच में सामने आया था कि शराब में जहर देकर हत्या की गई है। वहीं, अब पुलिस इस मामले को नई नजर से देख रही है। एसएसपी अजय साहनी का कहना है कि पुलिस मामले से पर्दा उठाकर ही प्रेस कांफ्रेंस करेगी। इस मामले में कई सुबूत मिले हैं। मुख्य आरोपित सचिन और अमित की धरपकड़ पर टीम काम कर रही है।