संसार चक्र से मुक्ति पाना ही असली सुख : भाव भूषण
दिगंबर जैन प्राचीन बड़ा मंदिर में चल रहे 40 दिवसीय विधान पाठ में शुक्रवार को 29
मेरठ,जेएनएन। दिगंबर जैन प्राचीन बड़ा मंदिर में चल रहे 40 दिवसीय विधान पाठ में शुक्रवार को 29वें दिन भक्तों ने वेदी पर विराजमान भगवंतों का अभिषेक कर पाठ की शुरूआत की। 280 परिवारों ने भाग लेकर पुण्य संचित किया।
विधान में मुनि भाव भूषण महाराज ने धर्मसभा में प्रवचन करते हुए कहा कि जहां आकुलता, व्याकुलता, चिता है, वहां दुख ही दुख है। जो इनसे रहित है वो वास्तव में सुखी है। आचार्यश्री ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति मंदिर में जा कर कहता कि 'जग के दुख की तो परवाह नहीं है स्वर्ग के सुख की चाह नहीं है। असली सुख तो इस संसार चक्र से मुक्ति पाना है। जिस व्यक्ति को जन्म और मरण से छुटकारा मिल जाता है। वह वास्तव में ही सुखी हो जाता है। जबकि व्यक्ति यह ना समझते हुए संसार में ही भ्रमण करने को सुख मान लेता है।
सांयकाल में भगवान की आरती की गई। रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। कार्यक्रम को सफल बनाने में अध्यक्ष जीवेंद्र जैन, महामंत्री मुकेश जैन, राजेंद्र जैन, अजीत प्रसाद, कुणाल, महाप्रबंधक मुकेश कुमार जैन, अशोक जैन, अतुल, कमल जैन आदि का सहयोग रहा।
भगवान गणेश की पूजा अर्चना की: भारतीय पांडव सेना के तत्वावधान में कस्बे के रामलीला मैदान में गणेश चतुर्थी महोत्सव में शनिवार को पूजा अर्चना की गई। रविवार को विधि विधान से गणेश मूर्ति का विसर्जन किया जाएगा।
विश्व शांति, सद्भावना एवं मानव कल्याण हेतु श्री गणेश पूजन महोत्सव संकीर्तन में शनिवार को पूजा अर्चना की गई, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा जिला मंत्री सुनील पोसवाल व ओमवीर भड़ाना ने पहुंचकर पूजा अर्चना की। कार्यक्रम संयोजक रणधीर उपाध्याय ने बताया कि कोविड के कारण कार्यक्रम को सूक्ष्म रखते हुए रविवार को गणेश प्रतिमा का विसर्जन कर दिया जाएगा। इस मौके पर अनीता उपाध्याय, दीपक कश्यप, मनोज अहलावत, पंकज फौजी, जेपी बंसला, नीरू रहेजा, शुभम, नीरज समेत सैकड़ों श्रद्धालु शामिल रहे।