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आइवी फ्लूड से सेहत बना रहे मेडिकल कॉलेज के चूहे

आइवी फ्लूड को सुरक्षित रखना सबसे बड़ी चुनौती है, जो कि मीठा होता है। सालभर में एक हजार से 'यादा बॉटल आइवी फ्लूड चूहे गटक जाते हैं। दरअसल, पर्याप्त रोशनी व संसाधनों के अभाव में चूहों ने गोदाम में बसेरा बना रखा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 03:50 PM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 03:50 PM (IST)
आइवी फ्लूड से सेहत बना रहे मेडिकल कॉलेज के चूहे
आइवी फ्लूड से सेहत बना रहे मेडिकल कॉलेज के चूहे

जागरण संवाददाता, मेरठ। सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा पर सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। लेकिन मेडिकल कॉलेज में दवाओं को सुरक्षित रखने के लिए बेहतर गोदाम तक नहीं है। आलम यह है कि मरीजों का आइवी (इंट्रा वेनस) फ्लूड रोजाना चूहे गटक रहे हैं।

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केंद्रीय औषधि भंडार कक्ष (दवा गोदाम) की स्थिति दयनीय है। आइवी फ्लूड की बॉटलों के पैकेट, कई प्रकार की सिरप और टेबलेट के पैकेट भंडार कक्ष के बरामदे में रखे गए हैं। दवा गोदाम में न तो कोई रैक दिखी और न ही संतुलित तापमान। जबकि दवाओं के पैकेट वाहन से उतारकर एक के ऊपर एक बेतरतीब तरीके से फेंक दिए गए हैं। फर्श में सीलन है जिससे दवाओं के खराब होने का खतरा है। इस अव्यवस्था के बारे में जब केंद्रीय औषधि भंडार कक्ष प्रभारी अधिकारी बीजी गोस्वामी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि 288 प्रकार की दवाएं मौजूद हैं। लेकिन मानकों के अनुसार रखने के लिए दवा गोदाम में पर्याप्त जगह नहीं है। करीब 30 फीसद दवाएं बरामदे में रखी जा रहीं हैं।

आइवी फ्लूड को सुरक्षित रखना सबसे बड़ी चुनौती है, जो कि मीठा होता है। सालभर में एक हजार से ज्यादा बॉटल आइवी फ्लूड चूहे गटक जाते हैं। दरअसल, पर्याप्त रोशनी व संसाधनों के अभाव में चूहों ने गोदाम में बसेरा बना रखा है। गर्मी के मौसम में तापमान बढ़ने पर भी दवाओं के खराब होने का खतरा रहता है, क्योंकि तापमान को नियंत्रित करने की गोदाम में कोई व्यवस्था नहीं है। केवल वैक्सीन के लिए फ्रीजर है।

सालाना 50 हजार से अधिक की चपत

केंद्रीय औषधि भंडार कक्ष के प्रभारी की मानें तो चूहे रोजाना 8 से 10 बॉटल आइवी फ्लूड गटक जाते हैं। इसके अलावा दवा पीते भी हैं और खराब भी कर देते हैं। एक आइवी फ्लूड की बॉटल की कीमत 15 रुपये है। इस हिसाब महीने में चूहे करीब 4500 रुपये और सलाना 50 हजार से अधिक की चपत लगा रहे हैं। जबकि इसके अलावा तापमान, सीलन से भी दवाएं खराब होती हैं।


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