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Rapid Rail Corridor : शताब्दीनगर से दुहाई तक जमीन का मुआवजा जल्द, जनवरी से शुरू होगा निर्माण Meerut News

दिल्‍ली मेरठ के बीच प्रस्‍तावित रैपिड रेल के लिए काम तीव्र गति से हो रहा है। दुहाई से शताब्दीनगर तक निर्माण कार्य अगले साल जनवरी से शुरू होने की उम्मीद है।

By Prem BhattEdited By: Published: Thu, 14 Nov 2019 11:21 AM (IST)Updated: Thu, 14 Nov 2019 11:21 AM (IST)
Rapid Rail Corridor : शताब्दीनगर से दुहाई तक जमीन का मुआवजा जल्द, जनवरी से शुरू होगा निर्माण Meerut News
Rapid Rail Corridor : शताब्दीनगर से दुहाई तक जमीन का मुआवजा जल्द, जनवरी से शुरू होगा निर्माण Meerut News

मेरठ, [जागरण स्‍पेशल]। Rapid Rail Corridor रैपिड रेल कॉरिडोर के निर्माण के लिए दुहाई से शताब्दीनगर तक जमीन व अन्य संपत्तियों की खरीद के लिए जल्द अवार्ड घोषित होगा। इसके लिए मूल्यांकन कार्य चल रहा है। दरअसल, दुहाई से शताब्दीनगर तक निर्माण कार्य अगले साल जनवरी से शुरू होने की उम्मीद है। इसके लिए रोड चौड़ीकरण भी चल रहा है।

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समझौते से खरीदेंगे जमीन

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर के लिए जरूरी जमीन अधिग्रहण के बजाय समझौते के आधार पर खरीदी जा रही है। गाजियाबाद जिले में यह कार्य पहले ही हो गया था और वहां दुहाई से साहिबाबाद तक निर्माण कार्य चल रहा है। अगले साल से दुहाई से शताब्दीनगर तक निर्माण कार्य शुरू होगा। ऐसे में स्टेशन बनाने व अन्य संबंधित कार्य में जितनी भी जमीन की जरूरत होगी, वह संबंधित लोगों से समझौते से खरीदी जाएगी।

किया जा रहा मूल्‍यांकन कार्य

जमीन व जमीन पर बने भवन आदि के मूल्यांकन के लिए टीम कार्य कर रही है। मेरठ व गाजियाबाद में प्रशासन के स्तर से मूल्यांकन कार्य हो रहा है। इसमें एक औसत दर रखी जाएगी। यह दर बाजार रेट व सर्किल रेट के आधार पर तय होगी। कार्य में देरी न हो, इसलिए जल्द अवार्ड घोषित हो जाएगा। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम के एक अधिकारी के अनुसार वैसे तो मूल्यांकन कार्य मेरठ शहर के अंदर से लेकर मोदीपुरम तक भी चल रहा है, लेकिन दुहाई से शताब्दीनगर तक के हिस्से का अवार्ड पहले किया जाएगा।

आनंद विहार टनल के लिए भी जारी हुआ टेंडर

आनंद विहार में रैपिड रेल का स्टेशन अंडरग्राउंड बनेगा। इस अंडरग्राउंड स्टेशन के लिए कॉरिडोर भी अंडरग्राउंड बनाना पड़ेगा, इसलिए कॉरिडोर के लिए टनल बनाने को टेंडर जारी हुआ है। यह टनल न्यू अशोक नगर से साहिबाबाद स्टेशन तक बनेगी। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम ने अपनी वेबसाइट पर इसके लिए टेंडर जारी किया है। रीजनल रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम के दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर दिल्ली व गाजियाबाद के बीच सिर्फ आनंद विहार स्टेशन ही अंडरग्राउंड रहेगा। वहीं मेरठ में तीन स्टेशन अंडरग्राउंड रहेंगे। मेरठ के तीनों अंडरग्राउंड स्टेशन के लिए अभी टेंडर जारी नहीं हुए हैं। आनंद विहार में टनल बन जाने के बाद सरायकाले खां से शताब्दीनगर तक रैपिड रेल का संचालन एक साथ शुरू हो जाएगा। वहीं मेरठ के अंडरग्राउंड स्टेशन जब बन जाएंगे तब मोदीपुरम तक रैपिड रेल संचालित की जाएगी।

दुहाई से शताब्दीनगर तक हैं ये स्टेशन

दुहाई, मुरादनगर, मोदीनगर साउथ, मोदीनगर नॉर्थ,

मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दीनगर।

हवाई पट्टी विस्तार को प्रस्ताव तैयार, स्वीकृति का इंतजार

मेरठ में हवाईपट्टी विस्तार के लिए आवश्यक जमीन खरीदने के लिए धनराशि का आकलन हो गया है। खसरा-गाटा संख्या समेत प्रस्ताव भी तैयार है, बस इस पर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआइ) के अधिकारियों की मुहर लगनी बाकी है। इसको लेकर जिला प्रशासन व एएआइ के अधिकारियों के साथ 18 नवंबर को बैठक होगी। सहमति के बाद प्रस्ताव शासन को भेज दिया जाएगा।आकलन प्रस्ताव तैयार करने के लिए एएआइ के मास्टर योजना के आधार पर तीन गांवों कंचनपुर घोपला, काशी व गगोल के सिजरे को सुपर इंपोज कराया गया था। उसके बाद खसरा नंबर एकत्र करके उसके आधार पर रकबे के साथ-साथ किसानों के खातेदारों के नाम जुटाए गए। फिर समझौता व अधिग्रहण के तहत जमीन खरीदने के दोनों विकल्पों पर अलग-अलग आकलन हुआ। हालांकि समझौते के आधार पर जमीन खरीदना आसान होता है, बाद में मुआवजा बढ़ाने की मांग नहीं हो पाती, लेकिन यदि सरकार इस पर तैयार होती है तो 85 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करने होंगे। यदि अधिग्रहण से खरीदती है तो यह 85 करोड़ बच जाएंगे।

किसानों से खरीदी जाएगी 12.55 लाख वर्ग मीटर जमीन

हवाईविस्तार के लिए किसानों से कुल 12 लाख 55 हजार 96 वर्ग मीटर जमीन खरीदी जाएगी। बाकी जमीन सरकारी है। हालांकि इस सरकारी जमीन का भी भुगतान करना होगा। सरकारी जमीन की खरीद में दर आदि को लेकर कोई परेशानी नहीं होती इसलिए कुल जमीन खरीद पर करीब 800 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान किया गया है। 


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