'श्रीराम' को सम्मान न मिलने से व्यथित है रामनगर
हापुड़ अड्डे के समीप छोटा-सा रामनगर मोहल्ला है। इस मोहल्ले का रामानंद सागर की रामायण के श्रीराम यानी अरुण गोविल से जन्म का नाता है। उनकी बहन आशा की ससुराल भी इसी रामनगर में है लेकिन रामायण के हरेक प्रसंग से वाकिफ इस मोहल्ले के लोगों में श्रीराम को सरकार से अब तक सम्मान न मिलने की कसक है।
मेरठ, जेएनएन। हापुड़ अड्डे के समीप छोटा-सा रामनगर मोहल्ला है। इस मोहल्ले का रामानंद सागर की 'रामायण' के श्रीराम यानी अरुण गोविल से जन्म का नाता है। उनकी बहन आशा की ससुराल भी इसी रामनगर में है, लेकिन रामायण के हरेक प्रसंग से वाकिफ इस मोहल्ले के लोगों में श्रीराम को सरकार से अब तक सम्मान न मिलने की कसक है। लोग कुछ दिन पहले आए उनके ट्वीट को देखकर भावुक हैं। सरकार से अपेक्षा कर रहे हैं।
अभिनेता अरुण गोविल के रिश्तेदार रामनगर निवासी दीपक कुमार गुप्ता बताते हैं कि उनके बड़े भाई सुशील कुमार शील की शादी अरुण गोविल की बहन आशा से हुई है। वे बताते हैं कि उनके घर के सामने आम्रपाली सिनेमा के मालिक स्वर्गीय सत्यप्रकाश गोयल के घर में अभिनेता अरुण का परिवार किराए पर रहता था। उनके पिता सीपी गोविल जलकल विभाग में इंजीनियर थे। प्रारंभिक शिक्षा यहीं पर हुई थी। उनके बड़े भाई सुशील शादी के कुछ साल बाद परिवार सहित मुंबई में बस गए। उन्हें अरुण गोविल ही ले गए थे। गीतकार रवींद्र जैन के सहायक के रूप में काम किया। दीपक गुप्ता ने बताया कि श्रीराम का किरदार निभाने वाले अभिनेता को सरकार से सम्मान न मिलने की कसक रामनगर को है। अब तो दुनिया ने दो बार 'रामायण' भी देख लिया और इसकी टीआरपी ने भी साबित कर दिया कि आज भी उस 'रामायण' के किरदारों और अभिनय का कोई सानी नहीं। लोगों ने कहा..
अरुण गोविल जैसा श्रीराम का चरित्र कोई अभिनेता नहीं निभा सका। भगवान श्रीराम से हर घर को जोड़ दिया था। उनके अभिनय को देश की जनता ने बहुत सम्मान दिया, लेकिन उनका ट्वीट देखकर मन दुखी है। उत्तर प्रदेश सरकार को इस बारे से सोचना चाहिए।
विभू गुप्ता, अरुण गोविल के रिश्तेदार। हमारे मोहल्ले में वो रहते थे। हमने पिता से उनके बारे में जाना। जब पहली बार टीवी पर 'रामायण' आई तब उनकी चर्चा घर के सदस्य की तरह होती थी। 32 साल बाद एक बार फिर 'रामायण' के जरिए हम उन्हें याद कर रहे हैं। उन्हें श्रीराम के किरदार के लिए सरकार से सम्मान न मिलना मन को दुखी करता है।
पुनीत गुप्ता, रामनगर वासी। हमें गर्व है के टीवी सीरियल रामायाण के श्रीराम अभिनेता अरुण गोविल का जन्म हमारे घर में हुआ था। जिन कमरों में उनका परिवार किराए पर रहता था वहां पर हमने गार्डन बना दिया है, लेकिन वह यादों के साथ हमारे जेहन में बसे हैं। 32 साल बाद रामायण धारावाहिक देखकर यादें जीवंत हो गई। अच्छा होता कि सरकार उन्हें सम्मान देती।
कमल गोयल, रामनगरवासी। रामराज की शुरुआत तो कर दी है..
ट्विटर पर अपने फैंस के साथ संवाद के दौरान पिछले दिनों अरुण गोविल का दर्द छलका था। अब तक रामायण के लिए कोई सम्मान न मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कि न यूपी, न महाराष्ट्र और न ही केंद्र सरकार ने ही कोई सम्मान दिया है। इसी क्रम में श्रीराम मंदिर मुद्दे का समाधान, श्रीराम मंदिर निर्माण और रामराज जैसे सवालों पर अरुण ने बेबाकी से जवाब दिया कि हम सबने शुरुआत तो कर दी है रामराज की सही परिभाषा समझने की। यदि हम रामजी के व्यक्तित्व के तीन गुण.. संकल्प, संयम और मर्यादा को अपना लें तो नित अपने देश के लिए कुछ भी कर सकते हैं।