383 दिन बाद सिसौली पहुंचे राकेश टिकैत, चौ. महेंद्र सिंह टिकैत को किया नमन
मुजफ्फरनगर में प्रवेश करते ही राकेश टिकैत का कई स्थानों पर फूल मालाओं से स्वागत हुआ। सोरम की चौपाल पर स्वागत के बाद भाकियू प्रवक्ता ने कहा कि एक साल से अधिक समय तक किसानों ने आंदोलन को जिंदा रखा। केवल किसान कौम ही ऐसा कर सकती है।
मुजफ्फरनगर, जागरण संवाददाता। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की 383 दिन बाद बुधवार को घर वापसी हुई है। देर रात वह किसानों और समर्थकों के काफिले के साथ अपने घर सिसौली पहुंचे। सुबह गाजीपुर बार्डर से रवाना हुए टिकैत के काफिले का सैकड़ों स्थानों पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। सोरम चौपाल पर चांदी का मुकुट पहनाया गया। यहां राकेश टिकैत ने आंदोलन की यादें ताजा कीं और भविष्य के लिए अपने इरादे भी जता दिए। कहा- 'यदि सरकार अपने वादे से मुकरी तो फिर दिल्ली बार्डर पर किसानों के साथ जा डटेंगे'।
26 नवंबर 2020 को बैठे थे धरने पर
राकेश टिकैत 26 नवंबर 2020 को गाजीपुर बार्डर पर धरने पर बैठे थे। देर रात घर पहुंचने पर बड़ी बहन ओमवीरी देवी ने राकेश टिकैत का स्वागत किया। मुजफ्फरनगर में प्रवेश करते ही राकेश टिकैत का कई स्थानों पर स्वागत हुआ। सोरम की चौपाल पर स्वागत के बाद भाकियू प्रवक्ता ने कहा कि एक साल से अधिक समय तक किसानों ने आंदोलन को जिंदा रखा। कई प्रकार से आंदोलन को कुचलने का प्रयास हुआ, लेकिन 'किसान के आगे किसी की एक न चली'। सरकार ने किसानों की मांगें मानीं और तीनों कृषि कानून वापस लिए। एमएसपी पर कानून बनाने का आश्वासन दिया है। इसके बाद पंचों की बैठक में घर वापसी का निर्णय हुआ। उन्होंने कहा कि सरकार से जो बात तय हुई है उसे पूरा करे, अन्यथा आंदोलन का बिगुल बजाने में देर नहीं लगेगी। दिल्ली सुन ले, इस बार आरपार की लड़ाई होगी। इतिहास रहा है कि जो बात सोरम में कही, वह पूरी हुई।
'आंदोलन में युवाओं का जुड़ना बड़ा कदम'
राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन में युवाओं का जुडऩा बड़ा कदम है। किसान अब 'ट्रैक्टर के साथ ट्विटर चलाना जान गया है'। किसान की खेती और हल में कोई कमी नहीं है, सरकार की कलम में कमी है।
राकेश टिकैत देर रात काफिले के साथ अपने घर सिसौली पहुंचे। किसान भवन भी गए। चौ. महेंद्र सिंह टिकैत की समाधि को नमन किया। घर में दीपक जलाए गए। हड़ौली में केक काटकर नरेश टिकैत का जन्मदिन मनाया गया।
संग्रहालय में रखा डीटी-14 ट्रैक्टर
गाजीपुर बार्डर में ट्रैक्टर डीटी-14 माडल-67 काफी दिन से खड़ा था। पुराने माडल का यह ट्रैक्टर आकर्षण का केंद्र था। अब यह ट्रैक्टर सिसौली में किसान भवन स्थित संग्रहालय में रखवाया गया है।