बागपत में राकेश टिकैत बोले-कृषि अध्यादेशों को तुरंत वापस ले सरकार, यह किसान हित में नहीं
केंद्र सरकार के कृषि अध्यादेशों का चौतरफा विरोध शुरू हो गया मेरठ के बाद अब बागपत में भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने इसे किसान विरोधी बताया है। वापस लेने की मांग की।
बागपत, जेएनएन। बागपत जिले के बड़ौत में भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किसानों की बैठक को संबोधित करने के बाद प्रेस वार्ता में कहा कि केंद्र सरकार जो तीन कृषि अध्यादेश लेकर आई है, इन्हें सरकार को वापस लेना होगा। सरकार इन अध्यादेशों को वापस नहीं लेती तो किसानों की हालत और खराब होने वाली है। सरकार को किसानों से इस मसले पर बात कर ग्राउंड रिपोर्ट तैयार करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश से मंडी सेक्टर को खत्म करना चाहते हैं। इससे किसान और आम उपभोक्ता बर्बाद होगा। एमएसपी से नीचे देश में कोई फसल नहीं बिकेगी। यह क्लॉज अध्यादेश में जोड़ दिया जाए। गन्ना किसान को डिजिटल इंडिया से जोड़ दिया जाए। जिस प्रकार पेट्रोल खरीदते ही तुरंत उसकी सारी डिटेल मोबाइल पर आ जाती है, उसकी प्रकार गन्ने की तुलाई करते ही उसकी वैरायटी, रेट और पेमेंट का मैसेज तुरंत उसके मोबाइल पर आ जाना चाहिए। किसानों का 14 हजार करोड़ रुपए का भुगतान चीनी मिलों पर बकाया है।
सरकार ने न तो 14 दिनों में भुगतान का वायदा पूरा किया और न ही ब्याज देने की बात पर खरी उतरी। किसानों को अपने बेचे गए गन्ने के बारे में इतनी भी जानकारी नहीं है कि उनका मय ब्याज कितना हिसाब बैठ रहा है। अब किसानों को एकजुट होकर मोदी समूह की दूसरी फैक्ट्रियां को बंद कराने की कवायद में जुटना होगा तभी उनका बकाया भुगतान मिल सकेगा। उत्तम क्वेटा की चार शुगर फैक्ट्रियां और चार एजेंसियां है। यदि वह किसानों का पैसा नहीं देगा तो दीपावली पर उसकी कारें नहीं बिकने दी जाएंगी। भाकियू ने आंदोलन की रणनीति तैयार कर ली है, जिस पर जल्द कार्य शुरू कर दिया जाएगा।